लाहौर। मुंबई हमलों के मास्टरमांइड हाफिज सईद की याचिका पर सुनवाई कर रही दो सदस्यीय पीठ को बुधवार को पाकिस्तान के लाहौर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने बदल दिया है। सईद ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर कर रखी थी।
सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है तथा उसे संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकवादी घोषित कर रखा है। उसे आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के आरोप में लाहौर की कोट लखपत जेल में रखा गया है।
इस मामले की की सुनवाई कर रही पीठ अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि लाहौर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सईद के मामले को न्यायमूर्ति मजहर अली नकवी और न्यायमूर्ति मुश्ताक अहमद की पीठ से न्यायमूर्ति मोहम्मद कासिम खान की अध्यक्षता वाली 2 सदस्य पीठ को भेज दिया तथा न्यायमूर्ति खान की पीठ आतंकवाद से जुड़े अन्य मामलों पर भी सुनवाई कर रही है।
गत 27 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई के दौरान नकवी की पीठ ने सईद और जमात-उद-दावा तथा फलाह-ए-इंसानियत के 67 अन्य नेताओं की याचिका पर पंजाब पुलिस के आतंकवादरोधी विभाग (सीटीडी) को दो सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा था। याचिकाकर्ताओं के वकील एके दोगर ने सुनवाई में कहा था कि सईद का अल कायदा या अन्य किसी आतंकवादी संगठन से कोई संबंध नहीं है।
अधिकारी को भी तलब किया : सईद और अन्य नेताओं की गिरफ्तारी के बारे में विस्तार से बताने के लिए सीटीडी के संबंधित अधिकारी को भी पीठ ने टेरर फंडिग के मामले में तलब किया था और इस मामले में सुनवाई 25 सितंबर को होने वाली थी, लेकिन पीठ बदल दी गई।
मुंबई हमले के आरोप खारिज किए थे : दोगर अपने मुवक्किल के बचाव में दलील दी थी कि भारतीय लॉबी उनके मुवक्किल के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है जिनका मुंबई हमलों से कोई लेना-देना नहीं है।
23 मामले दर्ज : याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आतंकवादरोधी विभाग ने पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में टेरर फंडिंग के आरोपों में 23 मामले दर्ज किए हैं और ये मामले अल-अनफाल ट्रस्ट, दावतुल इरशाद ट्रस्ट और मुआज बिन जबल सहित ट्रस्टों या गैर-लाभकारी संगठनों (एनपीओ) के नाम पर अर्जित आस्तियों और संपत्तियों के जरिए टेरर फंडिंग के लिए धन जुटाने को लेकर लाहौर, गुजरांवाला और मुल्तान में दर्ज किए गए हैं।