इस्लामाबाद। पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह ने दावा किया है कि खुफिया एजेंसियों ने फोन टैपिंग में एक बातचीत को उजागर किया है जिससे संकेत मिलता है कि इमरान खान की पार्टी कानून लागू करने वाले अधिकारियों को बदनाम करने की साजिश रच रही है।
सनाउल्लाह ने शनिवार की रात आरोप लगाया कि इस कदम का उद्देश्य कानून लागू करने वाली एजेंसियों को अपराध में झूठा फंसाना और बाद में इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछालना था। गृहमंत्री ने दावा किया, देश की एजेंसियों ने टैपिंग में एक बातचीत को उजागर किया जिससे पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नेता के घर पर छापा मारने और बलात्कार का फर्जी मामला गढ़ने सहित साजिशों का खुलासा हुआ है।
हालांकि सनाउल्लाह ने अपने दावों के पक्ष में कोई सबूत नहीं दिया। खान ने रविवार को सनाउल्लाह पर पलटवार करते हुए कहा कि मंत्री साफ तौर पर मीडिया में आने वाली खौफनाक कहानियों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।खान ने ट्वीट किया, अगर जेलों में महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर कोई संदेह था तो इस प्रमाणित अपराधी के इस संवाददाता सम्मेलन से ऐसी सभी शंकाएं दूर हो जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, शासन द्वारा महिलाओं के साथ कभी भी इतना दुर्व्यवहार और उत्पीड़न नहीं किया गया जितना कि इस फासीवादी सरकार द्वारा किया गया जब वे शांतिपूर्वक विरोध करने के अपने अधिकार का प्रयोग कर रही थीं।9 मई की घटनाओं के बाद खान की पार्टी के 60 से अधिक नेता अलग हो गए हैं। पार्टी छोड़ने वाले प्रमुख नेताओं में महासचिव असद उमर, वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी और पूर्व मंत्री शिरीन मजारी शामिल हैं।
9 मई को अर्धसैनिक बल के कर्मियों द्वारा 70 वर्षीय खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से गिरफ्तार किए जाने के बाद देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। खान की गिरफ्तारी के विरोध में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)