Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री ने जताई भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंधों की इच्छा

Advertiesment
हमें फॉलो करें Kashmir issue
, शुक्रवार, 19 अगस्त 2022 (23:01 IST)
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने समानता, न्याय और आपसी सम्मान के सिद्धांतों और कश्मीर मुद्दे के समाधान के आधार पर भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंधों की इच्छा व्यक्त की है। वहीं भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा बना रहेगा।

मीडिया की एक खबर में शुक्रवार को यह कहा गया। पाकिस्तान प्रायोजित सीमा पार से आतंकवाद और कश्मीर मुद्दे को लेकर द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के बीच शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दक्षिण एशिया में स्थाई शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सहायक भूमिका निभाने का भी आग्रह किया।

‘डॉन’ अखबार ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के हवाले से बताया कि शरीफ ने गुरुवार को पाकिस्तान में ऑस्ट्रेलिया के नवनियुक्त उच्चायुक्त नील हॉकिन्स के साथ बैठक के दौरान ये विचार व्यक्त किए। शरीफ ने कहा, पाकिस्तान समानता, न्याय और आपसी सम्मान के सिद्धांतों के आधार पर भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है।

इस संदर्भ में प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार जम्मू-कश्मीर विवाद का एक उचित और शांतिपूर्ण समाधान अपरिहार्य है। उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस संबंध में एक सहायक भूमिका निभानी होगी, क्योंकि यह दक्षिण एशिया में स्थाई शांति और स्थिरता के लिए आवश्यक है।

भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि वह आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में इस्लामाबाद के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है। भारत ने यह भी कहा है कि आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है।

शरीफ की यह टिप्पणी भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर में रहने वाले गैर-स्थानीय लोगों को मतदान सूची में अपना नाम दर्ज कराने और केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव में मतदान करने की अनुमति देने के निर्णय के कुछ दिनों बाद आई है। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से पहले, राज्य संबंधी कानून के तहत केवल जम्मू-कश्मीर के स्थाई निवासी मतदान के हकदार थे।

संबंधित घटनाक्रम में विदेश कार्यालय ने शुक्रवार को कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में ‘मतदाता’ के रूप में पंजीकरण कराने के लिए बाहरी कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों सहित अस्थाई निवासियों को भी अनुमति देने की भारत की घोषणा को स्पष्ट रूप से खारिज करता है।

विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, यह जम्मू-कश्मीर में ‘तथाकथित’ चुनावों के परिणाम को प्रभावित करने और ‘चुनाव पूर्व धांधली और खुले तौर पर हेरफेर’ के प्रयासों को प्रभावित करने के लिए भारत की सोची-समझी रणनीति है।

जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदेश कुमार ने बुधवार को कहा था कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के बाद केंद्रशासित प्रदेश में बाहरी लोगों सहित लगभग 25 लाख अतिरिक्त मतदाता होने की संभावना है। अगस्त 2019 में भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने की घोषणा के बाद द्विपक्षीय संबंध और बिगड़ गए।

भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा बना रहेगा। भारत ने पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी दुष्प्रचार रोकने की भी नसीहत दी है।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पुलिस SI की करतूत, दिव्यांग महिला पर बनाया यौन संबंधों का दबाव