लाहौर। पाकिस्तानी अधिकारियों ने रविवार को माना कि पंजाब प्रांत में एक मुठभेड़ में आईएसआईएस का आतंकवादी समझकर जिन तीन लोगों को मारा गया था, असल में वे बेगुनाह थे। इन बेगुनाहों को उन्हीं के बच्चों के सामने गोलियों से भून डाला। मुठभेड़ में शामिल 16 कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पंजाब के कानून मंत्री बशारत राजा ने कहा, ‘पुलिस ने शनिवार को लाहौर से 200 किलोमीटर दूर सहीवाल जिले में हुई मुठभेड़ में कथित रूप से शामिल आतंकवाद रोधी महकमे (सीटीडी) और एक प्रमुख खुफिया एजेंसी के 16 कर्मियों को गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।’ राजा ने कहा कि अभियान का नेतृत्व कर रहे एक अफसर को निलंबित कर दिया गया है।
शनिवार की सुबह लाहौर निवासी खलील, उसकी पत्नी, उनकी 13 वर्षीय बेटी और उनका पड़ोसी ज़ीशान बुरेवाला में एक शादी में जा रहे थे। तभी रास्ते में कादीराबाद इलाके में पुलिस ने ज़ीशान की कार में उसको गोली मार दी।
सीटीडी ने एक बयान में कहा कि ज़ीशान आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट का सक्रिय सदस्य है। अफगानिस्तान से आई एक फोन कॉल पकड़ी गई थी, जिसमें आईएसआईएस का कमांडर ज़ीशान के मरने के बाद नेटवर्क के अन्य सदस्यों से छुपने को कह रहा है। कार में जा रहे दंपति के तीन नाबालिग बच्चे जीवित बच गए हैं। उनके एक नाबालिग बेटे को गोली लगी है, जबकि दोनों बेटियां सुरक्षित हैं।
मुठभेड़ के फौरन बाद सीटीडी ने दो महिलाओं समेत आईएसआईएस के चार ‘आतंकवादियों’ को मार गिराने का दावा किया। इस मुठभेड़ को खुफिया जानकारी पर आधारित बताया। सीटीडी ने रविवार को खलील और उसके परिवार को ‘बेगुनाह’ बताते हुए कहा कि न खलील और न ही उसका परिवार इस बात से वाकिफ था कि ज़ीशान आईएसआईएस का आतंकवादी है और समूह के अन्य सदस्यों को गोलाबारूद की आपूर्ति करता है।
मुठभेड़ में तीन बेगुनाह लोगों की मौत होने से पूरा देश स्तब्ध रह गया है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने घटना पर दु:ख जताया है। खान ने ट्विटर पर कहा, ‘सीटीडी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अच्छा काम किया है लेकिन सब कानून के सामने जवाबदेह हैं।’
उन्होंने कहा, ‘संयुक्त जांच टीम की रिपोर्ट आते ही तत्काल कार्रवाई की जाएगी। सरकार की प्राथमिकता सभी नागरिकों की सुरक्षा करना है।’ पंजाब सरकार ने कहा कि वह खलील के बच्चों की देखभाल करेगी।