इस्लामाबाद। पाकिस्तान में आयात पर रोक लगाकर व्यापार घाटा कम करने की कोशिश के कारण बेरोजगारी का संकट तेजी से बढ़ रहा है। समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, 'बड़ी संख्या में कंपनियां कच्चे माल की कमी के कारण उत्पादन को कम कर रही हैं या परिचालन बंद कर रही है। दर्जनों कंपनियों ने हाल के महीनों में उत्पादन बंद करने के नोटिस जारी किए हैं।'
रिपोर्ट में कहा गया कि व्यापार संतुलन में सुधार के लिए कच्चे माल के आयात पर अंकुश लगाना एक बड़े संकट को जन्म दे रहा है।
एक निजी कंपनी डावलेंस की सभी उत्पादन इकाइयां 2023 की शुरुआत से ही बंद हैं। कंपनी को मई 2022 में आयात-संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। कंपनी के सीईओ ने बताया कि अगस्त 2022 में केंद्रीय बैंक ने पिछले साल के आयात के मुकाबले 38 फीसदी का कोटा तय किया था, लेकिन लालफीताशाही के चलते स्थिति और भी खराब हो गई।
उन्होंने कहा कि अगर किसी उपकरण का एक छोटा सा पुर्जा नहीं है, तो पूरा निर्यात रुक जाता है। इस तरह उत्पादन पूरी तरह थम गया है।
जानेमाने अर्थशास्त्री हाफिज ए पाशा के मुताबिक पाकिस्तान में बेरोजगारी दर 2022-23 के अंत में बढ़कर 10 प्रतिशत हो जाएगी।
आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में सालाना आधार पर निर्यात में भी 23 प्रतिशत की गिरावट आई है। (भाषा)