लंदन। महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद ब्रिटेन में ऑपरेशन लंदन ब्रिज और ऑपरेशन स्प्रिंग टाइड लागू हुए। इनमें से एक ऑपरेशन लंदन ब्रिज महारानी के निधन के बाद लागू किया गया प्रोटोकॉल है तो ऑपरेशन स्प्रिंग टाइड महाराज चार्ल्स तृतीय को गद्दी सौंपने का प्रोटोकॉल।
ऑपरेशन लंदन ब्रिज : ऑपरेशन लंदन ब्रिज के नाम से जाना जाता है। यह एक तरह का प्रोटोकॉल है, जिसे बकिंघम पैलेस के गुरुवार को 96 वर्षीय महारानी एलिजाबेथ के निधन की घोषणा के बाद लागू किया गया। लंदन ब्रिज इज़ डाउन एक कोड वर्ड है, जिसके जरिए जिससे महारानी के निजी सचिव द्वारा महारानी की मृत्यु के बारे में प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस को सूचित किया गया होगा।
फॉरेन, कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस (FCDO) का ग्लोबल रिस्पांस सेंटर ब्रिटेन के बाहर की उन 15 सरकारों, जहां महारानी राष्ट्र की प्रमुख हैं और अन्य 38 राष्ट्रमंडल देशों को समाचार भेजने का प्रभारी है।
शाही परिवार अंतिम संस्कार के लिए आधिकारिक कार्यक्रम को जल्द जारी करेगा। गुरुवार को महारानी के निधन के 10 दिन बाद उनका अंतिम संस्कार किए जाने की उम्मीद है।
ऑपरेशन स्प्रिंग टाइड : इसके साथ ही ऑपरेशन स्प्रिंग टाइड भी लागू हुआ, जिसके तहत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के बेटे व उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स को 73 साल की उम्र में महाराज चार्ल्स तृतीय के रूप में देश की राजगद्दी पर विराजमान हुए।
प्रधानमंत्री ट्रस के नए राजा से मिलने के बाद राष्ट्रीय शोक की घोषणा की जाएगी। किंग चार्ल्स तृतीय राष्ट्र को संबोधित करेंगे। लंदन में सेंट पॉल कैथेड्रल में प्रधानमंत्री और मंत्रियों के लिए एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।
आने वाले दिनों में क्या होगा, इसके बारे में कोई आधिकारिक विवरण जारी नहीं किया गया है। हालांकि, महारानी का पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। जनता के श्रद्धांजलि देने के वास्ते उनके पार्थिव शरीर को सार्वजनिक दर्शन के लिए भी रखा जाएगा। किंग चार्ल्स तृतीय आने वाले दिनों में अंतिम योजनाओं पर हस्ताक्षर करेंगे।