न्यूजीलैंड की दो मस्जिदों में शुक्रवार को हुए हमले को आतंकवादी हमले से जोड़कर नहीं देखा जा रहा है, लेकिन गोलियां चलाने वाले व्यक्ति को दक्षिणपंथी चरमपंथी जरूर कहा जा रहा है। यह हमलावर 28 साल का ऑस्ट्रेलियाई युवक है, जिसकी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने भी पुष्टि की है। हमले में 40 लोग मारे गए हैं और 20 से ज्यादा गंभीर है।
क्राइस्टचर्च की मस्जिदों पर हमला करने वाला व्यक्ति हथियार के साथ एक वीडियो कैमरा लाया था, जिसने हमले का वीडियो भी बनाया। हमलावर ने 50 से ज्यादा गोलियां चलाई हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि हमले के पीछे उसका उद्देश्य क्या था। वह लोगों को डराना चाहता था या फिर धर्म विशेष के लोगों के प्रति उसमें घृणा का भाव था। किसी आतंकवादी संगठन से उसके संबंध होने की पुष्टि भी अभी तक नहीं हुई है।
हालांकि न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने कहा कि यह स्पष्ट है कि इसे अब केवल आतंकवादी हमला ही करार दिया जा सकता है। हम जितना जानते हैं, ऐसा लगता है कि यह पूर्व नियोजित था। उन्होंने कहा कि संदिग्ध वाहनों से जुड़े दो विस्फोटक उपकरण बरामद किए गए हैं और उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया है। इस सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मस्जिदों में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे : मध्य क्राइस्टचर्च स्थित मस्जिद अल नूर में जब हमला हुआ, तब नमाज पढ़ने के लिए बड़ी संख्या में लोग वहां मौजूद थे। उपनगर लिनवुड स्थित एक अन्य मस्जिद में हमला हुआ। मस्जिद में मौजूद एक फिलिस्तीनी व्यक्ति ने बताया कि उसने एक व्यक्ति के सिर में गोली लगती देखी।
उसने कहा कि मुझे लगातार तीन गोलियों की आवाज सुनाई दी और मुश्किल से 10 सेकंड बाद ही फिर से ऐसा हुआ। हमलावर के पास संभवत: स्वचालित हथियार होगा क्योंकि कोई इतनी जल्दी ट्रिगर नहीं दबा सकता। हमले के समय डीन अवे मजिस्द में नमाज पढ़ रहे एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि उसने बाहर अपनी पत्नी का शव फुटपाथ पर पड़ा देखा। लोग भाग रहे थे। कुछ लोग खून से सने थे।
एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि उसने बच्चों पर गोलियां चलती देखीं। ‘मेरे चारों ओर शव थे।’ एक प्रत्यक्षदर्शी ने ‘रेडियो न्यूजीलैंड’ को बताया कि उसने गोलीबारी सुनी और चार लोग जमीन पर पड़े थे और ‘हर तरफ खून’ था। अपुष्ट खबरों के अनुसार, हमलावर ने सेना की वर्दी जैसे कपड़े पहने हुए थे।