नई दिल्ली। इसराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की बुधवार को बंद कमरे में हुई 4 यूरोपीय नेताओं के साथ एक बैठक में हुई यह बातचीत दुर्घटनावश बाहर आ गई। पास के कमरे में बैठे पत्रकारों को ओपन माइक की वजह से सारी बातचीत सुनने को मिल गई। बातचीत लीक होने से यह राज भी खुल गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलिस्तीन क्यों नहीं गए थे।
इस दौरान नेतन्याहू ने भारत और चीन के साथ मजबूत संबंधों का हवाला दिया था और यूरोपियन यूनियन की जमकर निंदा की थी। नेतन्याहू ने कहा था कि यूरोपीय संघ का रवैया इजराइल के प्रति सनक भरा और खुद को नुकसान पहुंचाने वाला है।
फिलिस्तीन के पश्चिमी तट पर स्थित रामल्लाह एक महत्वपूर्ण शहर है, जहां भारत सहित तमाम देशों के उच्चायोग स्थित हैं। इसराइल का दौरा करने वाले दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्ष परंपरागत रूप से यहां ठहरते हैं। मगर, अपनी इसराइल यात्रा के दौरान मोदी रामल्लाह में नहीं रुके। माना जाता है कि मोदी का ऐसा करना विदेशी संबंधों के मामले में इसराइल और फिलिस्तीन को जोड़ने की प्रवृत्ति को तोड़ना था।
इस बातचीत में वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इजराइल को नई खोज का महारथी करने की बात कहते नजर आए। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी की हाल कि इजराइल के दौरान हुई बातचीत का जिक्र करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि मुझे ज्यादा पानी और साफ पानी की जरूरत है। मुझे यह कहां से मिलेगा?
इसके बाद इजराइली पीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया इसराइल दौरे के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय नेता ने उनसे भारत के हितों का ध्यान रखने की बात कही। नेतन्याहू ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ अपने मतभेदों के बारे में भी बात की।