दावोस। विश्व आर्थिक मंच से अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बड़ी भूल कर बैठे, जिसे बाद में ठीक किया गया।
मोदी ने मंगलवार को अपने भाषण के दौरान भारत में मतदाताओं की संख्या 600 करोड़ होने का जिक्र किया। प्रधानमंत्री के भाषण को प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्विटर अकाउंट से भी इस गलती को ट्वीट किया। हालांकि बाद में इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया। किंतु इससे पहले यह 100 से अधिक बार रीट्वीट किया जा चुका था।
उन्होंने मंच से अपने संबोधन में विश्व को अपनी सरकार का परिदृश्य बताते हुए कहा कि भारत के छह सौ करोड़ मतदाताओं ने 2014 में तीस साल बाद पहली बार किसी एक राजनीतिक पार्टी को केंद्र में सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत दिया।
हमने किसी एक वर्ग या कुछ लोगों के सीमित विकास का नहीं, बल्कि सबके विकास का संकल्प लिया। मेरी सरकार का मोटो है, 'सबका साथ सबका विकास'। प्रगति के लिए हमारा विजन समावेशी है। यह समावेशी दर्शन मेरी सरकार की हर नीति का, हर योजना का आधार है।
आमतौर पर बिना लिखा पढ़ने वाले मोदी से यह चूक इसलिए हुई कि वे लिखा हुआ भाषण पढ़ रहे थे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी इस गलती का संज्ञान लिया और इसके सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पीएमओ ने इसे ट्विटर अकाउंट से हटा लिया, किंतु जब तक यह कई बार रीट्वीट किया जा चुका था। (वार्ता)