Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

महिला अधिकारी से हाथ नहीं मिलाने पर एक डॉक्‍टर को मिली यह सजा

हमें फॉलो करें महिला अधिकारी से हाथ नहीं मिलाने पर एक डॉक्‍टर को मिली  यह सजा
, सोमवार, 19 अक्टूबर 2020 (17:24 IST)
पत्‍नी से वादा किया था कि दूसरी औरत से हाथ नहीं मिलाऊंगा
हाथ मिलाने से यह कहकर किया इनकार कि मेरा धर्म इसकी इजाजत नहीं देता

महिला से हाथ न मिलाने पर किसी व्‍यक्‍ति को क्‍या सजा मिल सकती है। आइए जानते हैं कि एक मुस्‍लिम शरणार्थी को महिला से हाथ न‍ मिलाने पर जर्मनी जैसे देश ने क्‍या सजा दी।

दरअसल, एक मुस्लिम शरणार्थी को जर्मनी ने नागरिकता देने से इनकार कर दिया है। स्थानीय अदालत ने अपने फैसले में कहा कि धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव करने वालों के लिए जर्मनी में कोई जगह नहीं है।

मूलरूप से लेबनान निवासी मुस्लिम डॉक्टर 2002 में जर्मनी आया था और 10 साल बतौर शरणार्थी रहने के बाद उसने 2012 में नागरिकता के लिए आवेदन किया था। डॉक्टर ने महिला अधिकारी से यह कहते हुए हाथ मिलाने से इनकार कर दिया कि उसका धर्म इसकी इजाजत नहीं देता।

बाडेन-वुर्टेमबर्ग की प्रशासनिक अदालत ने कहा कि कोई भी व्यक्ति धर्म या लिंग के आधार पर किसी से हाथ मिलाने से इनकार नहीं कर सकता। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा, यदि कोई व्यक्ति महिलाओं से हाथ मिलाने से केवल इसलिए इनकार कर देता है कि क्योंकि वह महिलाओं को यौन प्रलोभन के खतरे के रूप में देखता है, तो यह स्वीकार्य नहीं है

जर्मनी में महिला से हाथ न मिलाना मुस्लिम डॉक्टर को बहुत भारी पड़ा। स्थानीय अदालत ने डॉक्टर के इस व्यवहार को अनुचित करार देते हुए उसे जर्मनी की नागरिकता देने से इनकार कर दिया है।

डॉक्टर एक स्थानीय क्लीनिक में सीनियर फिजिशयन के रूप में काम करता है। उसने नागरिकता प्राप्त करने के लिए जर्मनी के संविधान में आस्था जताने और आतंकवाद की निंदा करने के शपथपत्र पर भी हस्ताक्षर किया है। जब उसने अपने सभी कागजात जर्मन सरकार की महिला अधिकारी को सौंपे, तो इस दौरान अधिकारी ने उससे हाथ मिलाना चाहा, लेकिन डॉक्टर ने इनकार कर दिया। डॉक्टर का कहना है कि उसने अपनी पत्नी से वादा किया था कि वो दूसरी महिलाओं से हाथ नहीं मिलाएगा।

इससे पहले, प्रशासन ने डॉक्टर की नागरिकता के आवेदन को खारिज कर दिया था। जिसके खिलाफ उसने अदालत में अपील दायर की थी। अब कोर्ट ने भी साफ कर दिया है कि जर्मनी का संविधान धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव की इजाजत नहीं देता, लिहाजा डॉक्टर को जर्मनी की नागरिकता नहीं दी जा सकती।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बिहार चुनाव : इमामगंज सीट पर जीतनराम और उदय नारायण के बीच होगी कांटे की टक्कर