लंदन। अनुसंधानकर्ताओं का दावा है कि प्लूटो ग्रह ऐसे टीलों से ढका हुआ जो मीथेन युक्त बर्फ से बने हुए हैं।
अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि इस छोटे और ठंडे ग्रह का वायुमंडल बेहद महीन होने के बावजूद ये टीले हाल ही में बने हैं।
प्लूटो के वायुमंडल का सतही दबाव धरती के मुकाबले 1,00,000 गुना कम है जिस कारण से अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि यह सतही दबाव इतना कम है कि ठोस मीथेन के छोटे - छोटे कण संगठित नहीं हो सकते और हवा के माध्यम से इधर से उधर नहीं जा सकते।
ब्रिटेन की यूनवर्सिटी ऑफ प्लाईमाउथ , जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोन और अमेरिका की ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इन टीलों और ग्रह की सतह से टकराने वाली आस - पास की वायु का स्थानिक विश्लेषण किया।
उन्होंने पाया कि सब्लिमेशन की इस प्रक्रिया (जहां ठोस नाइट्रोजन सीधे एक गैस में तब्दील हो गया) के चलते मीथेन के रेत के आकार के कण वातावरण में बिखरे जो बाद में प्लूटो पर चलने वाली हवाओं के साथ ये एक बर्फ से ढके मैदान की सीमा पर जमा हो गए।
अनुसंधानकर्ताओं द्वारा दी गई यह जानकारी 'साइंस' पत्रिका में एक रिपोर्ट के रूप में प्रकाशित हुई हैं। (भाषा)