पाक में इमरान खान के पास अब ज्यादा दिन नहीं बचे

Webdunia
बुधवार, 20 नवंबर 2019 (14:59 IST)
कराची। धर्मगुरु से नेता बने मौलाना फजलुर रहमान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर ताजा हमला करते हुए कहा कि सरकार का नेतृत्व कर रहे 'पाकिस्तान के गोर्बाचेव' के पास अब गिनती के दिन बचे हैं।
 
कट्टरपंथी मौलाना एवं जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फज्ल (जेयूआई-एफ) के नेता ने दक्षिणी खैबर पख्तूनख्वा में मंगलवार को बन्नू शहर में धरना-प्रदर्शन के दौरान विपक्ष के नेताओं को 'चोर' बुलाने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि 'चुनी हुई' सरकार ने खान की बहन को नेशनल रिकॉन्सिलिएशन ऑर्डिनेंस (एनआरओ) की पेशकश की है।
ALSO READ: पाकिस्तान की सत्ता से इमरान की विदाई क्यों चाहते हैं फजलुर रहमान
रहमान ने दावा किया कि खान के नेतृत्व से चल रही पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के दिन लद गए हैं। रहमान ने कहा कि इस सरकार की जड़ें कट गई हैं। इनके पास महज कुछ ही दिन रह गए हैं। 'जिओ न्यूज' के हवाले उन्होंने कहा कि इमरान खान की बहन को एनआरओ दिया गया है। हमें भी ऐसी सिलाई मशीन दी जाए, जो आपको 1 साल में 70 अरब रुपए कमाकर दे सके।
 
नेशनल रिकॉन्सिलिएशन ऑर्डिनेंस एक ऐसा अध्यादेश है जिसे भ्रष्टाचार, गबन, मनी लॉन्ड्रिंग, हत्या और आतंकवाद के आरोपी नेताओं, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और नौकरशाहों को माफी देने के इरादे से 2007 में जारी किया गया था।
 
रहमान ने कहा कि खान 'पाकिस्तान का गोर्बाचेव' बनने की कोशिश कर रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में मौलाना ने ऐसा ही तेवर दिखाते हुए प्रधानमंत्री को इस्तीफा देने के लिए 2 दिन का वक्त दिया था। मिखाइल गोर्बाचोव सोवियत संघ के अंतिम राष्ट्रपति थे। उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार मिला है। शीतयुद्ध को समाप्त करने वाली वार्ता और सुधारों को अपनाने के लिए उन्हें सबसे ज्यादा याद किया जाता है।
 
जेयूआई-एफ प्रमुख कुछ दिन पहले खान की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने रहमान के सरकार विरोधी प्रदर्शन को 'सर्कस' बताया था। प्रधानमंत्री खान ने सोमवार को कहा था कि 'आजादी मार्च' प्रदर्शन के नाम पर इस्लामाबाद में 'सर्कस' चल रहा है।
 
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी राजधानी में 1 महीने भी नहीं टिक सकते हैं जबकि 2014 में उनकी पार्टी का प्रदर्शन 126 दिन चला था। रहमान ने 27 अक्टूबर को कराची से अपने प्रदर्शन की शुरुआत की थी और हजारों समर्थकों के लाव-लश्कर के साथ वे 31 अक्टूबर को इस्लामाबाद पहुंचे थे। रहमान के नेतृत्व वाली सरकार विरोधी रैली को 'आजादी मार्च' कहा जा रहा है जिसका मकसद मौजूदा सरकार को सत्ता से हटाना है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Operation Sindoor के बाद Pakistan ने दी थी न्यूक्लियर अटैक की धमकी, पार्लियामेंटरी स्टैंडिंग कमेटी में क्या बोले Vikram Misri, शशि थरूर का भी आया बयान

भारत कोई धर्मशाला नहीं, 140 करोड़ लोगों के साथ पहले से ही संघर्ष कर रहा है, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

Manipur Violence : नृशंस हत्या और लूटपाट में शामिल उग्रवादी केरल से गिरफ्तार, एनआईए कोर्ट ने भेजा ट्रांजिट रिमांड पर

ISI एजेंट से अंतरंग संबंध, पाकिस्तान में पार्टी, क्या हवाला में भी शामिल थी गद्दार Jyoti Malhotra, लैपटॉप और मोबाइल से चौंकाने वाले खुलासे

संभल जामा मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष को तगड़ा झटका

सभी देखें

नवीनतम

मंत्री विजय शाह केस में SIT का गठन, ये 3 IPS करेंगे मामले की जांच

क्या रुकेगा रूस-यूक्रेन युद्ध, जेलेंस्की के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने 2 घंटे तक फोन पर पुतिन से की बात, थम जाएगा युद्ध?

Pakistani Spy Arrest : देश से गद्दारी कर पाकिस्तान के लिए कर रहे थे जासूसी, पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश से 12 लोगों की गिरफ्तारी

लोकमाता देवी अहिल्या हैं नारी सशक्तीकरण, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सुशासन की मिसाल : मोहन यादव

Weather Update : बेंगलुरु में रातभर हुई भारी बारिश, जलभराव से यातायात बाधित, मौसम विभाग ने दी यह चेतावनी

अगला लेख