What happens if you sleep with your contact lens on : यदि आप भी कॉन्टेक्ट लेंस पहनकर सो जाते हैं तो यह खबर आपके लिए है। कॉन्टेक्ट लेंस पहनकर सोने से Acanthamoeba keratitis इंफेक्शन का खतरा रहता है। अमेरिका में 85 प्रतिशत कॉन्टेक्ट लेंस पहनने वाले लोगों में यह इंफेक्शन पाया गया है। फ्लोरिडा के 21 वर्षीय माइकल क्रुमहोल्स पार्शियल रूप से अंधे हो गए हैं। उन्होंने कॉन्टेक्ट लेंस पहनकर 40 मिनट की झपकी ली थी। माइकल को Acanthamoeba keratitis नामक एक इंफेक्शन हुआ है जिसके चलते पहले तो उन्हें धूंधला दिखना चालु हुआ जो जल्द ही वह असहनीय दर्द में बदल गया। उन्होंने बताया कि उनकी अब तक 2 सर्जरी हो चुकी है और उन्हें डॉक्टर्स ने कोर्नियल ट्रांसप्लांट की सलाह दी गई है।
क्या है Acanthamoeba keratitis इंफेक्शन : Acanthamoeba keratitis एक दूर्लभ और गंभीर बैक्टेरियल इंफेक्शन है जो त्वचा के टीशू को नष्ट कर देते हैं। आंखों का यह इंफेक्शन कॉन्टेक्ट लेंस पहनने वाले लागों में आमतौर पर पाया जाता है। यह एक ऐसा इंफेक्शन है जिससे परमानेंट तौर पर दृश्य हानि हो सकती है या कुछ मामलों में व्यक्ति अंधा भी हो सकता है। यह बीमारी Acanthamoeba नामक एक सूक्ष्म, फ्री लिविंग अमिबा (amoeba) micro organism है जो वैसे तो दूर्लभ है परंतु यह आंख, त्वचा और नर्वस सिस्टम पर गंभीर प्रहार करती है। इस अमीबा को पानी, मिट्टी, झील, समुंद्र में पाया जाता हैं। यह अमीबा कॉन्टेक्ट लेंस, शरीर के घावों, या फेफड़ों द्वारा फैल सकता है। आमतौर पर कभी न कभी लोग Acanthamoeba से रूबरू हुए होंगे लेकिन बहुत कम इससे बीमार पड़ते हैं।
जिन व्यक्तियों में Acanthamoeba keratitis के लक्षण दिखते हैं, उन्होंने आंखों में दर्द, आंखे लाल होने, धुंधला दिखने, आंख में कुछ होने, अत्यधिक आंसू लाइट से संवेदनशीलता की शिकायत की है।
कॉन्टेक्ट लेंस पहनने वाले लोगों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए
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अपने लेंस को सही तरीके से व्यवस्थित करें।
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लेंस को अच्छे से साफ पानी या किसी सॉल्युशन से साफ करें।
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लेंस पहनकर तैरने, नहाने या गरम पानी के टब में न जाएं।
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दूषित पानी से दूर रहें।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सही तरीके से कॉन्टेक्ट लेंस की देखभाल करने वालों को भी हो सकता है। जो कॉन्टेक्ट लेंस नहीं पहनते हैं, उन्हें भी इस इंफेक्शन से खतरा है।
इस इंफेक्शन का पहले चरण में इलाज होना अति आवश्यक है। यदि यह इंफेक्शन सेंट्रल नर्वस सिस्टम में प्रवेश कर जाए तो व्यक्ति का बच पाना काफी मुश्किल है। गर्मियों में इस इंफेक्शन के 23 मामले यानी 30 फीसदी, वहीं ठंड में 16 मामले यानी 21 फीसदी और वसंत में 15 मामले यानी 20 फीसदी मामले सामने आए हैं। सही समय पर इस इंफेक्शन का इलाज कर लिया जाए तो सूक्ष्म जीव को फैलने से रोक सकते हैं। Edited By : Sudhir Sharma