सिंगापुर, जहां दुनिया में LGBT कम्युनिटी के अधिकारों को लेकर अलग अलग राय है, वहीं अब सिंगापुर ने इसे लेकर फैसला कर लिया है। सिंगापुर ने रविवार को गे सेक्स से बैन हटाने की घोषणा की है। जिसके बाद अब समलैंगिक संबंधों (Homosexual Relationships) को अपराध की श्रेणी में रखने वाला कानून वापस लिया जा रहा है।
इस खबर के बाद दुनियाभर की गे कम्युनिटी में खुशी है। उन्होंने इस फैसले का स्वागत किया है। कुछ गे समुदायों ने दूसरे देशों से भी अपने अधिकारों के लिए अपील की है।
बता दें कि भारत में 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने गे सेक्स को अपराध मुक्त कर दिया था, लेकिन दुनिया के कई हिस्सों में समलैंगिकता गैरकानूनी मानी जाती है और कहीं-कहीं तो इसके लिए कई तरह की सजा तक का प्रावधान है।
आपको बता दें कि समलैंगिकता के मुद्दे वर्षों पुराने हैं, लेकिन इस समुदाय के आंदोलन 90 के दशक से मुखर होने लगे। 1990 से ही इस समुदाय के लोगों को एलजीबीटी बुलाने की शुरुआत हुई। एलजीबीटी यानी लेसबियन, गे, बाइसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर।
2020 में इंटरनेशनल लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांस एंड इंटरसेक्स एसोसिएशन ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें 69 देशों में समलैंगिकता को प्रतिबंधित बताया गया था और 11 देशों में इसके लिए मौत की सजा के बारे में जानकारी दी गई थी। 30 अफ्रीकी देशों में समलैंगिकता पर प्रतिबंध है, वहीं मॉरिटानिया, सोमालिया और सूडान में इसके लिए मौत की सजा दी जाती है।
पूरे अफ्रीकी महाद्वीप में केवल दक्षिण अफ्रीका ऐसा देश है जहां समलैंगिक शादी की अनुमति है, जिसे 2006 में वैध करार दिया गया था। वहीं, अंगोला, लेसोथो, मोजाम्बिक और सेशेल्स में समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध से मुक्त किया गया है। सिंगापुर में लिए गए इस फैसले से अब दुनियाभर में क्या असर होगा यह देखने वाली बात होगी।