Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

यमन में फांसी की क्रूर सजा से कांप उठेगा दिल, केरल की नर्स निमिषा प्रिय को 16 जुलाई को दी जाएगी मौत की सजा

केरल की नर्स निमिषा प्रिय को यमन की जेल में 16 जुलाई 2025 को फांसी दी जाएगी। जानिए यमन में फांसी की खौफनाक प्रक्रिया, कानूनी स्थिति और भारत सरकार की प्रतिक्रिया।

Advertiesment
हमें फॉलो करें Nimisha Priya

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 (07:15 IST)
  • 16 जुलाई को यमन में होगी निमिषा की फांसी
  • गोली मारकर मौत देने की भयावह प्रक्रिया
  • भारत सरकार की ओर से हस्तक्षेप की कोशिश
  • खून-ब्लड मनी से फांसी टलने की संभावनाएं
कौन हैं नर्स निमिषा प्रिया और उन्हें फांसी क्यों दी जा रही है? केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लंगोड की रहने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में 2017 में एक स्थानीय नागरिक तलाल अब्दो महदी की मौत के मामले में दोषी ठहराया गया।
 
बताया गया कि महदी ने निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर लिया था और उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था। कथित रूप से, पासपोर्ट वापस लेने के लिए निमिषा ने महदी को सिडेटिव इंजेक्शन दिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।
 
कब सुनाई गई मौत की सजा? : 2020 में यमन की एक निचली अदालत ने निमिषा को मृत्युदंड सुनाया। नवंबर 2023 में यमन की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने उस फैसले को मंजूरी दी। दिसंबर 2024 में राष्ट्रपति रशद अल-अलिमी ने फांसी की पुष्टि कर दी। अब 16 जुलाई 2025 को निमिषा को फांसी दी जाएगी।
 
यमन की कानून व्यवस्था और फांसी की प्रक्रिया: यमन में कानून इस्लामी शरीया पर आधारित है। यहां मृतक के परिजनों को ब्लड मनी (Diyya) देने पर आरोपी को फांसी से माफ किया जा सकता है। यदि परिजन सहमत नहीं होते, तो फांसी को अंजाम दिया जाता है।
 
यमन में फांसी का क्रूर तरीका: यमन में फांसी का तरीका दुनिया के सबसे क्रूर और भयावह तरीकों में गिना जाता है। आरोपी को मुंह के बल जमीन पर लिटाया जाता है, एक मेडिकल स्टाफ आरोपी के दिल और पीठ पर निशान लगाता है फिर एसॉल्ट राइफल से गोलियों की बौछार कर दी जाती है। कई बार यह फांसी सार्वजनिक रूप से दी जाती है| फ्लॉगिंग जैसी सजा भी साथ में दी जाती है
 
क्या ब्लड मनी से बच सकती हैं निमिषा? मानवाधिकार संगठनों और परिवार का मानना है कि यदि महदी के परिजन ब्लड मनी (रक्त-पून्य राशि) स्वीकार कर लें, तो निमिषा को फांसी से बचाया जा सकता है। भारतीय सामाजिक संगठनों और वकीलों की एक टीम इस दिशा में प्रयास कर रही है।
 
भारत सरकार और विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया: भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा है कि वह यमन सरकार के संपर्क में है और सभी कानूनी और कूटनीतिक उपाय कर रहा है। कांग्रेस सांसद K. Radhakrishnan ने प्रधानमंत्री से सीधे हस्तक्षेप की मांग की है। निमिषा के गांव कोल्लंगोड में लोग प्रार्थनाएं और व्रत कर रहे हैं कि किसी चमत्कार से निमिषा की जान बच जाए। उनकी मां और परिवार ने भारत सरकार और राष्ट्रपति से अंतिम अपील की है।
 
नर्स निमिषा प्रिया की फांसी केवल एक अदालती मामला नहीं, बल्कि मानवता, कूटनीति और कानून के जटिल मोड़ पर खड़ा एक उदाहरण है। क्या ब्लड मनी के ज़रिये जीवनदान मिलेगा? या 16 जुलाई को एक और भारतीय नागरिक विदेशी धरती पर न्याय की गोली का शिकार हो जाएगा?

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अगला दलाई लामा ‍किसी लोकतांत्रिक देश से, भारत ने चीन को चिढ़ाया