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जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई बात

हमें फॉलो करें जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई बात
, रविवार, 13 नवंबर 2022 (17:29 IST)
नोम पेन्ह। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को यहां अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की और द्विपक्षीय मुद्दों, रूस-यूक्रेन युद्ध, ऊर्जा, जी-20 तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति पर चर्चा की। जयशंकर और ब्लिंकन के बीच यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच संभावित बैठक से कुछ दिन पहले हुई।
 
जयशंकर और ब्लिंकन के बीच यह बैठक कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन से इतर हुई।
 
जयशंकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ यहां आए हैं, जो आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
 
जयशंकर और ब्लिंकन की मुलाकात 15-16 नवंबर तक इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी और बाइडन के बीच संभावित द्विपक्षीय वार्ता से कुछ दिन पहले हुई है।
 
जयशंकर ने ट्वीट किया कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ एक सार्थक बैठक हुई। यूक्रेन, हिंद-प्रशांत, ऊर्जा, जी20 और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।’’
 
ब्लिंकन ने ट्वीट किया कि हमारी साझेदारी का विस्तार करने और यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के प्रभावों को कम करने के लिए जारी प्रयासों पर चर्चा करने के लिए मैंने आज नोम पेन्ह में आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन) शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। अमेरिका, भारत के जी-20 की अध्यक्षता करने का समर्थन करता है।’’
 
ब्लिंकन के साथ जयशंकर की मुलाकात मंगलवार को मास्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बैठक और शनिवार को यहां यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा के साथ बातचीत के बाद हुई।
 
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच उपयोगी और बहुत व्यावहारिक संबंध हैं।
 
सुलिवन ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात को लेकर उत्सुक हैं।
 
उन्होंने बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, "मैं यह बताना चाहता हूं कि राष्ट्रपति बाइडन के पदभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी व्हाइट हाउस आये थे और उन दोनों के बीच कई बार व्यक्तिगत मुलाकात तथा फोन और वीडियो कॉल पर बातचीत हुई है।’’
 
उन्होंने कहा कि दोनों नेता कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर समान हित देखते हैं और अमेरिका-भारत साझेदारी को मजबूत करने के लिए वास्तव में मिलकर काम किया है।
 
उन्होंने कहा कि जब आप उन सभी चीजों को जोड़ते हैं, तो यह एक उपयोगी, बहुत व्यावहारिक संबंध होता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन इस साल जी-20 में प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए उत्सुक हैं।
 
भारत अगले साल जी-20 की अध्यक्षता करेगा और उस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति के नयी दिल्ली की यात्रा करने की संभावना है।
 
भारत ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की अभी तक निंदा नहीं की है और उसका कहना है कि संकट का समाधान कूटनीति और बातचीत के माध्यम से किया जाना चाहिए।
 
फरवरी में यूक्रेन संकट शुरू होने के बाद से, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की, दोनों से कई बार टेलीफोन पर बातचीत की है।
 
मोदी ने चार अक्टूबर को जेलेंस्की के साथ फोन पर बातचीत में कहा था कि यूक्रेन संकट का ‘कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता’ और भारत शांति के किसी भी प्रयास में योगदान देने के लिए तैयार है।
 
उज्बेकिस्तान के समरकंद शहर में 16 सितंबर को पुतिन के साथ बैठक में, मोदी ने रूसी राष्ट्रपति को यह कहते हुए यूक्रेन में संघर्ष समाप्त करने के लिए प्रेरित किया था कि ‘‘आज का युग युद्ध का नहीं है। पिछले कुछ महीनों में, भारत ने रूस से रियायती कच्चे तेल का आयात बढ़ाया है।
 
जयशंकर ने नोम पेन्ह में शनिवार को आसियान रात्रिभोज के अंत में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस से भी मुलाकात की थी। जयशंकर ने थाईलैंड के अपने समकक्ष डोन प्रमुदविनई के साथ भी बातचीत की।
 
विदेश मंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि थाईलैंड के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री डोन प्रमुदविनई के साथ मुलाकात करना हमेशा अच्छा लगता है। हमारी साझा क्षेत्रीय चिंताओं और आसियान के साथ साझेदारी मजबूत करने पर चर्चा की।
 
उन्होंने कहा कि आसियान रात्रिभोज में कनाडा की व्यापार मंत्री मैरी एनजी और विदेश मंत्री मिलेन जॉली से मुलाकात की, जिसमें आतंकवाद और कट्टरपंथ का विरोध करते हुए अधिक से अधिक व्यापार तथा रणनीतिक सहयोग पर सहमति जताई गई।
 
जयशंकर ने शनिवार को कनाडा, इंडोनेशिया और सिंगापुर के अपने समकक्षों के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की थी।

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