वॉशिंगटन। इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह के क्रूर उत्पीड़न का शिकार हो रहे इराक के यजीदी जातीय समुदाय के अधिकारों की रक्षा करने के लिए भारतीय-अमेरिकी थिंक टैंक ने अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग की है।
फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायसपोरा स्टडीज (एफआईआईडीएस-अमेरिका) की रिपोर्ट 'प्लाइट ऑफ द यजीदी' के अनुसार करीब 4,00,000 यजीदी इराक के विभिन्न हिस्सों, तुर्की और विभिन्न देशों में विस्थापित हुए हैं। रिपोर्ट यजीदियों के नरसंहार के बारे में तथ्यों और आंकड़ों को पेश करती है। इसके मुताबिक 2014 से ही कथित तौर पर उनका नरसंहार जारी है।
रिपोर्ट के अनुसार एक यजीदी और कनाडा स्थित मानवाधिकार कार्यकर्ता मिर्जा इस्माइल ने बताया है कि कैसे इराक में अगस्त 2014 से इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी क्रूरतापूर्ण तरीके से यजीदियों पर हमले कर रहे हैं। इन हमलों में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों द्वारा इस समुदाय के 10,000 पुरुष मारे जा चुके हैं और 7,000 महिलाओं का अपहरण हुआ है।
मिर्जा ने इराकी संविधान के तहत यजीदियों को मिले 'स्वायत्त क्षेत्र' की तरह ही इस समुदाय के लोगों के लिए एक स्वायत्त क्षेत्र बनाने की मांग में संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय नेताओं से हस्तक्षेप करने और इसका समर्थन करने की अपील की है। यजीदी कुर्द बोलने वाले अल्पसंख्यक समुदाय हैं। (भाषा)