मैनहट्टन में संघीय अदालत में दायर एक आपराधिक शिकायत में ये आरोप लगाए हैं। अदालत में बताया गया है कि ईरान के अर्धसैनिक क्रांतिकारी गार्ड के एक अधिकारी ने सितंबर में एक भाड़े के शूटर को ट्रंप की निगरानी करने और उन्हें मारने की योजना बनाने का निर्देश दिया था।
शिकायत में कहा गया है कि फरहाद शकेरी नाम के शख्स को ट्रंप की हत्या का जिम्मा सौंपा गया था। वो एक ईरान का सरकारी कर्मचारी था। इसके लिए उसे मोटी रकम की पेशकश की गई थी। हालांकि ईरान का मानना था कि ट्रंप यह चुनाव नहीं जीत पाएंगे।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान ट्रंप पर 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया के बटलर शहर में फायरिंग हुई थी। इस हमले में ट्रंप बाल बाल बच गई और गोली उनके कान को छूकर निकल गई। इस घटना के करीब 64 दिन बाद एक बार फिर उन पर जानलेवा हमले की कोशिश की थी। हालांकि इस हमले में भी वह बच गए।
Edited by : Nrapendra Gupta