अमेरिका में करीब 100 से ज्यादा भारतीय छात्रों को इमिग्रेशन नियमों की अनदेखी करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। इसके अतिरिक्त इमिग्रेशन नियमों के उल्लंघन के आरोप में 600 अन्य छात्रों के खिलाफ वारंट भी जारी किया गया है। 8 रिक्रूटर्स को भी पकड़ा गया है।
खबरों के अनुसार अमेरिका में मान्य दस्वतावेजों के बिना रह रहे लोगों को पकड़ने के लिए गृह विभाग ने एक फेक यूनिवर्सिटी बनाई थी। इससे पहले छात्रों की पहचान की गई और फिर उन्हें हिरासत में लिया गया। अमेरिका जल्द ही इन छात्रों को डिपोर्ट कर सकता है।
अमेरिका में पिछले कुछ वक्त से स्टूडेंट वीजा का गलत प्रयोग करने वाले रैकेट्स के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत कार्रवाई की गई है। अमेरिकन तेलुगु एसोसिएशन ने भी अपने फेसबुक पेज पर इसकी जानकारी दी है। 600 से ज्यादा छात्रों को उचित दस्तावेजों के बिना रहने में मदद करने के आरोप में 8 लोगों को पकड़ा गया।
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार फर्जी वीजा पर रह रहे स्टूडेंट्स को पकड़ने के लिए फार्मिंगटन नाम की एक फर्जी यूनिवर्सिटी बनाई गई थी। इसके बाद जिन लोगों ने यहां एडमिशन लिए उनके वीजा की सही तरीके से जांच की गई। इसी दौरान सैकड़ों की संख्या में फर्जी वीजा पर रह रहे छात्र गिरफ्त में आ गए।
पता चला है कि 600 छात्रों ने इस यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था, लेकिन कुछ छात्रों को चेतावनी भी दी गई थी। सभी 600 छात्रों को प्रत्यर्पण सूची में रखा गया है। इनमें से कुछ को जेल की सजा का सामना भी करना पड़ सकता है। हालांकि आईसीई की ओर से इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी गई है कि कितने भारतीय छात्रों को गिरफ्तार किया गया है या फिर हिरासत में लिया जाएगा और इन छात्रों पर क्या कार्रवाई की जाएगी?
छात्रों के हिरासत में लेने की जानकारी सबसे पहले अमेरिकन तेलुगु एसोसिएशन (एटीए) की तरफ से आई। यह उत्तरी-अमेरिका में तेलुगु मूल के लोगों का संगठन है। एटीए ने फेसबुक पोस्ट के जरिए बताया कि उनके सामने यह मामला हिरासत में लिए गए छात्रों के करीबियों और रिश्तेदारों से सामने आया है।
पेपर चेंज ऑपरेशन से शिकंजे में आए छात्र : अमेरिकी कस्टम एजेंट्स ने इमिग्रेशन फ्रॉड के लिए एक ऑपरेशन चलाया जिसका नाम पेपर चेंज दिया गया। यूनिवर्सिटी में 2017 के बाद से गृह विभाग के अंडरकवर अधिकारियों को रखा गया था, जो आरोपियों की पहचान करने में जुटे थे। छात्रों के अलावा भारतीय मूल के 8 एजुकेशनल कंसल्टिंग एजेंटों को भी कस्टम डिपार्टमेंट ने हिरासत में रखा है। (भाषा)