वॉशिंगटन। विमान के भीतर महिला सहयात्री का यौन उत्पीड़न करने के दोषी तमिलनाडु के रहने वाले भारतीय पेशेवर को गुरुवार को नौ साल कैद की सजा सुनाई गई। एच-1बी वीजा पर 2015 में अमेरिका आए प्रभु राममूर्ति को सजा खत्म होने के बाद भारत वापस भेज दिया जाएगा।
डेट्रॉयट की संघीय अदालत ने कहा कि उसने भारतीय नागरिक को नौ साल कैद की सजा सुनाई है। जज टेरेंस बर्ज ने आशा जताई है कि यह अन्य लोगों को ऐसा अपराध करने से रोकने के लिए पर्याप्त होगा। संघीय अभियोजकों ने राममूर्ति को 11 साल कैद की सजा देने की मांग की थी।
सजा की घोषणा होने के बाद अमेरिकी अटॉर्नी मैथ्यू शिंडर ने कहा, विमानों में यात्रा करने के दौरान सभी को सुरक्षित रहने का अधिकार है। हम किसी के भी ऐसे व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेंगे जो कमजोर अवस्था वाले पीड़ित का फायदा उठाए। हम इस मामले में आगे आने के लिए पीड़िता के साहस की प्रशंसा करते हैं। राममूर्ति को इस मामले में अगस्त में दोषी ठहराया गया था।