चालबाज चीन ने मालदीव भेजा खतरनाक जासूसी जहाज, भारत अलर्ट

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 24 जनवरी 2024 (07:31 IST)
Maldives news in hindi : अनुसंधान और सर्वेक्षण कार्य करने वाला चीन का एक खतरनाक जासूसी जलपोत माले सरकार की अनुमति मिलने के बाद ईंधन भरने के लिए मालदीव के एक बंदरगाह पर लंगर डालेगा। चीनी जहाज को अनुमति भारत और मालदीव के बीच संबंधों में तनाव के बीच दी गई है।
 
बताया जा रहा है कि पिछले 5 साल में चीन 5 बार भारत की टोह लेने के इरादे से श्रीलंका के रास्ते भारत के आसपास मंडराने की कोशिश कर चुका है। इस बार ठिकाना बदल गया है।
 
मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन का अनुसंधान पोत ‘शियांग यांग होंग 3’ मालदीव के जलक्षेत्र में रहते हुए कोई अनुसंधान कार्य नहीं करेगा लेकिन भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि भारत जहाज की आवाजाही पर कड़ी नजर रख रहा है।
 
मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सत्ता में आने और पदभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत चीन की यात्रा की थी। परंपरागत रूप से, मालदीव के राष्ट्रपति अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत भारत की यात्रा करते रहे हैं।
 
मालदीव के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि चीन की सरकार ने ‘पोर्ट कॉल’ के लिए आवश्यक मंजूरी के वास्ते राजनयिक अनुरोध किया था। ‘पोर्ट कॉल’ का अर्थ है- यात्रा के क्रम में किसी जहाज का बंदरगाह पर कुछ देर रुकना।
 
बयान में यह भी कहा गया कि मालदीव हमेशा से मित्र देशों के जहाजों का स्वागत करने वाला गंतव्य रहा है और शांतिपूर्ण उद्देश्यों से असैन्य और सैन्य जलपोतों की मेजबानी करता रहेगा।
 
मालदीव की ओर से कहा गया है कि इस तरह के पोर्ट कॉल न केवल मालदीव और उसके साझेदार देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार करते हैं, बल्कि मित्रवत देशों से आने वाले जहाजों का मालदीव के लोगों द्वारा स्वागत करने की सदियों पुरानी परंपरा को भी प्रदर्शित करते हैं।
 
जहाजों की आवाजाही पर नजर रखने वाली निजी वेबसाइट ‘मरीन ट्रैफिक’ के अनुसार आठ साल पुराना चीनी जहाज आठ फरवरी को माले के एक बंदरगाह पर लंगर डाल सकता है।
 
मालदीव लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप से बमुश्किल 70 समुद्री मील और मुख्य भूमि के पश्चिमी तट से 300 समुद्री मील की दूरी पर है। यह हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) के माध्यम से गुजरने वाले वाणिज्यिक समुद्री मार्गों का केंद्र होने के कारण रणनीतिक दृष्टि से अहम है।

15 मार्च तक भारतीय सैनिक हटाने को कहा : मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने 14 जनवरी को ही भारत से कहा कि वे उनके देश में तैनात अपने सैन्यकर्मियों को 15 मार्च तक हटा ले। माले की ओर से भारतीय सैनिकों को हटाने की मांग किए जाने के दो महीने बाद राष्ट्रपति ने यह समय-सीमा तय की है। नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मालदीव में 88 भारतीय सैन्यकर्मी हैं।
 
कैसे है भारत मालदीव संबंध : मुइज्जू सरकार के तीन उपमंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ पोस्ट की गई अपमानजनक पोस्ट के बाद भारत मालदीव संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए। इन तीनों मंत्रियों को मुइज्जू ने बर्खास्त कर दिया है। इधर भारतीय पर्यटकों ने मालदीव से दूरी बना ली है। मालदीव भी चीन से अपने संबंध मजबूत कर रहा है। मुइज्जू ने भारत पर देश की निर्भरता को कम करने की योजनाओं की भी घोषणा की, जिसमें अन्य देशों से आवश्यक खाद्य वस्तुओं, दवाओं और उपभोग की अन्य सामग्रियों का आयात सुनिश्चित करना शामिल है। (एजेंसियां)
Edited by  : Nrapendra Gupta 

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