मामल्लापुरम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने यहां शुक्रवार को द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश संबंधों को विस्तार देने पर जोर देने के अलावा आतंकवाद और कट्टरपंथ की चुनौतियों का मिलकर सामना करने का संकल्प लिया।
विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि दोनों नेताओं ने रात्रिभोज के दौरान ढाई घंटे बातचीत की और इस दौरान उन्होंने अपनी-अपनी राष्ट्रीय दूरदृष्टि एवं शासन संबंधी प्राथमिकताओं समेत कई मामलों पर बातचीत की।
गोखले ने बताया कि मोदी एवं शी ने आतंकवाद के कारण दोनों देशों के सामने पैदा हो रही चुनौतियों पर चर्चा की।
उन्होंने कहा, ‘इस बात को स्वीकार किया गया कि दोनों देश बहुत जटिल और बहुत विविध हैं। दोनों नेताओं ने कहा कि भारत एवं चीन बड़े देश हैं, दोनों के लिए कट्टरपंथ चिंता का विषय है और दोनों मिलकर काम करेंगे ताकि कट्टरपंथ एवं आतंकवाद हमारे बहु-सांस्कृतिक, बहु-जातीय, बहु-धार्मिक समाजों को प्रभावित नहीं कर पाए।’
गोखले ने बताया कि मोदी और शी ने स्वीकार किया कि आतंकवाद एवं कट्टरपंथ साझी चुनौतियां हैं और दोनों नेता इससे निपटने के लिए मिलकर काम करेंगे। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश बढ़ाने पर चर्चा की और मोदी ने बातचीत के दौरान (चीन के साथ भारत के) व्यापार घाटे का भी मुद्दा उठाया।