दुनिया के किन और कितने देशों में मान्‍य है सेम सेक्‍स मैरिज?

Webdunia
मंगलवार, 17 अक्टूबर 2023 (13:50 IST)
Same Sex Marriage In India: देश की एलजीबीटीक्‍यू LGBTQ कम्‍युनिटी को एक बार से झटका लगा है। लंबे समय से सेम सेक्स मैरिज Same Sex Marriage मामले की सुनवाई करते हुए समलैंगिक विवाह को मान्‍यता देने से इनकार कर दिया।

CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने समलैंगिक विवाह को कानूनी रूप से वैध ठहराए जाने का अनुरोध करने वाली 21 याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा कि विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम है और न्यायालय कानून की केवल व्याख्या कर सकता है, उसे बना नहीं सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार यानी 17 अक्‍टूबर 2023 को समलैंगिक विवाह (Same Sex Marriage) को कानूनी मान्यता देने की याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए समलैंगिक विवाह को मान्‍यता देने से इनकार कर दिया।

केंद्र और राज्‍य सरकारों को आदेश : इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को समलैंगिकों के लिए उचित कदम उठाने के आदेश दिया है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI) ने कहा कि ये संसद के अधिकार क्षेत्र पर निर्भर करता है। यानी इस मामले में संसद नियम बनाए और तय करे।

क्‍या कहा सीजेआई ने : CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने समलैंगिक विवाह को कानूनी रूप से वैध ठहराए जाने का अनुरोध करने वाली 21 याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा कि विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम है और न्यायालय कानून की केवल व्याख्या कर सकता है, उसे बना नहीं सकता।

देश की संस्कृति के खिलाफ सेम सेक्‍स मैरिज : सरकार
केंद्र सरकार हमेशा से समलैंगिक विवाह के विरोध में रही है। भारत सरकार ने कहा कि ये न केवल देश की सांस्कृतिक और नैतिक परंपरा के खिलाफ है बल्कि इसे मान्यता देने से पहले 28 कानूनों के 158 प्रावधानों में बदलाव करते हुए पर्सनल लॉ से भी छेड़छाड़ करनी होगी।

ऐसे में आपको बता दें कि दुनिया में आखिर कहां कहां सेम सेक्‍स मैरिज मान्‍य है और कहां नहीं।
34 देशों में समलैंगिक विवाह वैध
बता दें कि दुनिया के 194 देशों में से कुछ ही देशों ने सेम सेक्स मैरिज या समलैंगिक विवाह को मान्यता दी है। दुनिया भर में केवल 34 देशों ने समान-लिंग विवाहों को वैध बनाया है, जिनमें से 24 देशों ने इसे विधायी प्रक्रिया के माध्यम से, जबकि 9 ने विधायिका और न्यायपालिका की मिश्रित प्रक्रिया के माध्यम से यह किया है। जबकि दक्षिण अफ्रीका अकेला देश है, जहां इस प्रकार के विवाहों को न्यायपालिका द्वारा वैध किया गया है।

इन देशों में सेम सेक्स मैरिज को मान्यता
अमेरिका और ब्राजील प्रमुख देश हैं, जहां सेम सेक्‍स मैरिज को लेकर मिश्रित प्रक्रिया को अपनाया गया था। विधायी प्रक्रिया के माध्यम से समान-लिंग विवाह को वैध बनाने वाले महत्वपूर्ण देश यूके, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, कनाडा, स्विट्जरलैंड, आयरलैंड, स्वीडन, स्पेन, नॉर्वे, नीदरलैंड, फिनलैंड, डेनमार्क, क्यूबा, स्लोवेनिया और बेल्जियम हैं।

3 देशों ने सेम सेक्स मैरिज को किया वैध
पिछले एक साल की बात करें तो एंडोरा, क्यूबा और स्लोवेनिया, तीन ऐसे देश हैं जहां पिछले साल सेम सेक्स मैरिज को कानूनी रूप से वैध करार दिया गया है। अब भारत में इस फैसले से एलजीबीटीक्‍यू LGBTQ कम्‍युनिटी को जमकर झटका लगा है। ऐसे में इस कम्‍युनिटी से कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
Edited By : Navin Rngiyal

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