Imran Khan's plea rejected in illegal marriage case : पाकिस्तान की एक जिला अदालत ने बृहस्पतिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें उन्होंने अवैध निकाह मामले में अपनी सजा को निलंबित करने का अनुरोध किया था। अदालत के इस फैसले को पूर्व प्रधानमंत्री के लिए झटका माना जा रहा है जो पिछले साल अगस्त से ही जेल में हैं।
दंपति को जिला और सत्र न्यायालय ने तीन फरवरी को मामले में सात-सात साल के कारावास और 50-50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस मामले को आमतौर पर इद्दत मामले के तौर पर जाना जाता है। इद्दत वह अवधि होती है जो मुस्लिम महिला को पति के निधन या तलाक के बाद दूसरी शादी करने से पहले बितानी होती है।
अवैध निकाह मामला बुशरा बीबी के पूर्व पति खानवार मनेका ने नवंबर 2023 में दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि बुशरा ने अनिवार्य इद्दत की मुद्दत को पूरा किए बिना ही खान से निकाह कर लिया। मनेका ने खान और बुशरा के निकाह को अमान्य करने की अपील की।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश अफजल मजोका ने मामले की सुनवाई करने के बाद फैसला मंगलवार को सुरक्षित रख लिया था। न्यायाधीश ने खचाखच भरे अदालत कक्ष में बृहस्पतिवार को फैसला सुनाया कि दंपति की ओर से दाखिल याचिका खारिज की जाती है।
इमरान और बुशरा के खिलाफ कई मामले दर्ज : इस फैसले से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद दंपति की रिहाई की कोशिशों को झटका लगा है। पूर्व प्रधानमंत्री खान (71) के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं जबकि उनकी पत्नी बुशरा (49) भी कई मुकदमों का सामना कर रही हैं। फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष उमर आयूब ने कहा कि खान की पार्टी इस फैसले को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती देगी।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने दोहराया कि सरकार से तब तक बातचीत नहीं होगी जब तक वह पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को रिहा नहीं कर देती। खान की पार्टी ने इस घटनाक्रम को पूरी तरह हास्यास्पद करार दिया।
पीटीआई ने अपने सोशल मीडिया मंच एक्स के अपने आधिकारिक अकाउंट से जारी पोस्ट में कहा कि यह मामला हमारे देश के साथ-साथ इस्लामी इतिहास में भी अभूतपूर्व रूप से घृणित है और इसकी विश्व स्तर पर निंदा की गई है तथा इससे पाकिस्तान को बहुत शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour