वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था समकालिक नरमी से गुजर रही है जिसके कारण इस साल दुनिया के 90 प्रतिशत देशों में वृद्धि दर कम होगी। भारत जैसी बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर इसका असर कुछ अधिक है।
आईएमएफ की नवचयनित प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जियॉर्जिएवा ने कहा कि नरमी की व्यापकता के कारण इस साल आर्थिक वृद्धि दर दशक के निचले स्तर पर आ जाएगी।
उन्होंने कहा कि भारत और ब्राजील जैसी बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में नरमी का असर अधिक ही देखने को मिल रहा है। चीन की आर्थिक वृद्धि दर भी धीरे-धीरे गिर रही है। उन्होंने बुद्धिमता के साथ मौद्रिक नीतियों का इस्तेमाल करने और वित्तीय स्थिरता को विस्तृत करने का सुझाव दिया।
जियॉर्जिएवा ने कहा कि अमेरिका और जर्मनी में बेरोजगारी की दर ऐतिहासिक निचले स्तर पर है। इसके बाद भी अमेरिका और जापान समेत यूरोप की विकसित अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक गतिविधियों में नरमी देखने को मिल रही है।
उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह वैश्विक आर्थिक परिदृश्य जारी होगा और उसमें पूर्वानुमान में कटौती की जाएगी। उन्होंने कहा कि करीब 40 उभरती तथा विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर पांच प्रतिशत से अधिक रहेगी।