ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी हमले में हुई मौत के बाद न सिर्फ ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है, बल्कि तीसरे विश्वयुद्ध की अटकलें भी शुरू हो गई हैं, क्योंकि ईरान ने जहां सुलेमानी की मौत का बदला लेने की बात कही है, वहीं अमेरिका ने दूसरी बार इराक में हमला कर कड़ा संदेश दिया है कि वह किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेगा।
ऐसा भी नहीं है कि अमेरिका और ईरान के रिश्तों में तल्खी अचानक आई है, दोनों देशों के रिश्ते पिछले कई दशकों से बेहद खराब दौर से गुजर रहे हैं। 2002 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने ईरान के साथ इराक और उत्तरी कोरिया को शैतानों की धुरी कहा था।
दरअसल, दोनों देशों के रिश्तों में पहली बार तब खटास आई थी, जब 1953 में अमेरिकी गुप्तचर एजेंसी सीआईए ने ब्रिटेन के साथ मिलकर ईरान के निर्वाचित प्रधानमंत्री मोहम्मद मोसादेक को अपदस्थ करा दिया था। यहीं से दोनों देशों के बीच दुश्मनी की शुरुआत हुई थी।
ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका हमेशा निशाना साधता रहा है, लेकिन यदि ईरान द्वारा किसी भी बदले की कार्रवाई की जाती है तो अमेरिका को उस पर हमले का बहाना मिल जाएगा। जैसा कि कहा जाता है कि ईरान के पास भी परमाणु बम है, जो कि उसे उत्तर कोरिया के माध्यम से प्राप्त हुए हैं। ऐसे में वह उनका भी प्रयोग कर सकता है।
दूसरी ओर, उत्तर कोरिया, चीन और रूस भी ईरान के सहयोग में सामने आ सकते हैं। क्योंकि रूस के भी ईरान से हित जुड़े हुए हैं। अमेरिका के साथ तनाव के बीच रूस, ईरान और चीन का संयुक्त सैन्य अभ्यास रिश्तों की एक नई इबारत को दर्शा रहा है। हालांकि इसकी संभावना नहीं के बराबर है, लेकिन यदि विश्वयुद्ध की स्थिति बनती है तो दुनिया का एक बड़ा भू-भाग बर्बाद हो जाएगा। सबसे ज्यादा इसका मध्य-पूर्व और पश्चिम एशिया पर ही होगा।
सद्दाम हुसैन के शासनकाल में भी अमेरिका ने इराक पर हमला करने के लिए पहले उसकी मिसाइलें नष्ट करवाई थीं और जब उसे भरोसा हो गया कि अब इराक के पास बड़े हथियार नहीं हैं, तो परमाणु हथियारों की आड़ में उस पर हमला बोल दिया था। इस हमले के बाद अमेरिकी सैन्य कार्रवाई के दौरान राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन की भी मौत हो गई थी।
सुलेमानी की मौत पर वैश्विक स्तर पर कोई खास प्रतिक्रियाएं नहीं आई हैं, लेकिन पाकिस्तान ने जरूर सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ बातचीत में कहा कि शीर्ष ईरानी कमांडर कासम सुलेमान की मौत के बाद अमेरिका को अधिकतम संयम बरतने की जरूरत है।
खास बात यह है कि सोशल मीडिया ने परोक्ष रूप से तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत कर दी है। मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद सोशल मीडिया पर #world war 3 जमकर ट्रेंड होने लगा था। हालांकि सोशल मीडिया पर लड़े जा रहे युद्ध और हकीकत के युद्ध में बहुत अंतर होता है।