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हसीना सरकार ने सब बर्बाद कर दिया, मोहम्मद यूनुस की भारत से मांग

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ढाका , बुधवार, 4 दिसंबर 2024 (20:41 IST)
Mohammad Yunus demand from India: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि शेख हसीना सरकार ने सब कुछ नष्ट कर दिया। उन्होंने संवैधानिक व न्यायिक सुधारों को लागू किये जाने के बाद आम चुनाव कराए जाने की बात कही। बांग्लादेश संगबाद संस्था ने बुधवार को एक जापानी अखबार को दिए गए यूनुस के साक्षात्कार का हवाला देते हुए यह जानकारी दी। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित यूनुस (84) ने ‘निक्केई एशिया’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि हमें चुनाव कराने से पहले अर्थव्यवस्था, शासन, नौकरशाही व न्यायपालिका में व्यापक सुधार करने की आवश्यकता है। यूनुस ने एक बार फिर कहा कि बांग्लादेश में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में हसीना के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई समाप्त होने के बाद, भारत को उन्हें प्रत्यर्पित कर देना चाहिए। ALSO READ: बांग्लादेश यात्रा को लेकर ब्रिटेन की अपने नागरिकों को सलाह
 
भारत की चिंताओं पर क्या बोले यूनुस : यूनुस ने कहा कि मुकदमे की सुनवाई समाप्त होने के बाद निर्णय आने पर हम आधिकारिक तौर पर भारत से उन्हें सौंपने के लिए आग्रह करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत भारत इसके अनुपालन के लिए बाध्य होगा। मुख्य सलाहकार ने यह भी कहा कि हिंदुओं की सुरक्षा के बारे में भारत सरकार की चिंता तथ्यों पर आधारित नहीं है और जो कुछ कहा जा रहा है वह दुष्प्रचार है। ALSO READ: इंदौर का लालबाग हुआ भगवा, बांग्लादेशी हिन्दू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के विरोध में जुटे लाखों लोग
 
अगस्त में शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद से दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध खराब हो गए हैं। भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने पर चिंता व्यक्त की है। पिछले सप्ताह हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद स्थिति और बिगड़ गई है। यूनुस ने कहा कि उन्होंने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) को पुनर्जीवित करने का भी प्रस्ताव रखा है, जो भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के कारण काफी हद तक निष्क्रिय है। ALSO READ: कैसे 22 से 8 प्रतिशत पर सिमटी बांग्लादेश में हिंदू आबादी, जानिए बंगाली हिंदुओं का इतिहास
 
बांग्लादेश ने मंगलवार को भारतीय राजदूत को अपने विदेश कार्यालय में तलब किया और त्रिपुरा के अगरतला में स्थित अपने वाणिज्य दूतावास सेवाएं निलंबित करने की घोषणा की। यह घोषणा प्रदर्शनकारियों द्वारा वाणिज्य दूतावास में घुसने के एक दिन बाद की गई। चटगांव की एक अदालत में राजद्रोह के एक मामले में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका 2 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई, क्योंकि उनके लिए कोई वकील पेश नहीं हुआ और बाद में उनके समर्थकों ने दावा किया कि उनके वकीलों को धमकी दी जा रही है।
 
साक्षात्कार में यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने चुनाव प्रणाली, संविधान और न्यायपालिका जैसे क्षेत्रों में सुधारों को बढ़ावा देने के लिए कई आयोगों की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि सरकार उन आयोगों से सिफारिशें प्राप्त करने के बाद जनवरी तक पूर्ण पैमाने पर सुधारों को लागू करेगी। उन्होंने कहा कि इन सुधारों को लागू करने में समय लगेगा, क्योंकि हम मूल रूप से एक नए बांग्लादेश का निर्माण कर रहे हैं।
 
मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा : यूनुस ने खुद के चुनाव लड़ने की बात से इनकार कर दिया। उन्होंने साक्षात्कार में कहा कि नहीं, मैं कोई राजनेता नहीं हूं। मैं हमेशा राजनीति से दूर रहा हूं। उन्होंने कहा कि हसीना के 15 साल के शासन के दौरान देश की शासन व्यवस्था पूरी तरह से नष्ट हो गई और लोकतंत्र, आर्थिक स्थिरता व जनता के विश्वास को बहाल करके इसे फिर से स्थापित करने की एक बड़ी जिम्मेदारी हमारे ऊपर आ गई है। 
 
उन्होंने कहा कि उनके (हसीना) शासन में, लोकतांत्रिक सिद्धांतों की पूरी तरह से अवहेलना की गई। उन्होंने लगातार तीन कार्यकाल बिना मतदाताओं की भागीदारी के फर्जी चुनाव आयोजित किए, खुद को और अपनी पार्टी को निर्विरोध विजेता घोषित किया और एक फासीवादी शासक के रूप में काम किया। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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