वॉशिंगटन। हैडसेट लगाकर रोबोट वाले खिलौने और वीडियो गेम खेलने वाले सावधान हो जाएं। हैकर्स इन लोगों के दिमाग में चल रहे विचारों की निगरानी करके उनके पिन और पासवर्ड का पता लगा सकते हैं।इलेक्ट्रॉसिफैलोग्राफ (ईईजी) हैडसेट्स से यूजर्स अपने दिमाग से रोबोटिक खिलौनों और वीडियो गेम को नियंत्रित करते हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार, ब्रेनवेव सेंसिंग हेडसेट्स को और बेहतर सुरक्षा की जरुरत है। वैज्ञानिकों में भारतीय मूल का एक व्यक्ति भी शामिल है। इलेक्ट्रॉसिफैलोग्राफ (ईईजी) हैडसेट्स से यूजर्स अपने दिमाग से रोबोटिक खिलौनों और वीडियो गेम को नियंत्रित करते हैं।
अमेरिका में बर्मिंघम में अल्बामा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह पता लगाया कि वीडियो गेम खेल रहे एक व्यक्ति ने अगर गेम को बीच में ही रोक दिया और वह ईईजी हैडसेट पहने हुए बैंक खाते में लॉग इन करता है तो उस पर हैकिंग करने वाले किसी सॉफ्टवेयर द्वारा पासवर्ड या अन्य संवेदनशील आंकड़े चोरी होने का खतरा पैदा हो जाता है।
वैज्ञानिकों की टीम ने उपभोक्ताओं को ऑनलाइन उपलब्ध एक ईईजी हैडसेट और वैज्ञानिक शोध के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले क्लिनिकल ग्रेड के हैडसेट का इस्तेमाल किया, ताकि यह दिखाया जा सके कि हैकिंग करने वाला सॉफ्टवेयर कितनी आसानी से यूजर के दिमाग में चलने वाली बातों का पता कर सकता है।
टाइप करते हुए यूजर के हाथों, आंखों और मस्तिष्क की नसों में गतिविधियां होती हैं। ये सभी गतिविधियां ईईजी हैडसेट्स में रिकॉर्ड हो जाती है। हैकिंग करने वाले सॉफ्टवेयर की इन रिकॉर्डों तक पहुंच संभव है। (भाषा)