Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

भारत ने अमेरिका के सामने उठाया एच-1बी वीजा मुद्दा : सुरेश प्रभु

हमें फॉलो करें भारत ने अमेरिका के सामने उठाया एच-1बी वीजा मुद्दा : सुरेश प्रभु
, शनिवार, 28 अक्टूबर 2017 (17:42 IST)
वॉशिंगटन। केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत ने एच-1बी और एल-1 वीजा का मुद्दा अमेरिका के सामने बहुत दृढ़ता से उठाया है और उसे समझाया है कि पाबंदियों से उसकी अर्थव्यवस्था के लिए वास्तविक स्थिति कठिन हो सकती है, क्योंकि उसे भारतीय आईटी पेशेवरों से बड़ा फायदा हुआ है। 
 
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी श्रमिकों को रोजगार में तथा कथित भेदभाव और असमान प्रतिस्थापन से बचाने के ट्रंप प्रशासन ने लक्ष्य के अनुरूप अमेरिकी एच-1बी और एल-1 वीजा जारी करने के नियम अधिक सख्त कर दिए गए हैं। 
 
अमेरिकी कंपनियां विदेशी पेशेवरों को अवधि के काम पर बुलाने के लिए इसी प्रकार के वीजा का इस्तेमाल करती हैं। यह वीजा भारतीय आईटी पेशेवरों में बड़ा लोकप्रिय है। इसके अतिरिक्त ट्रंप प्रशासन ने इसी सप्ताह एच-1बी और एल-1 वीजा की अवधि के विस्तार के नियमों को कड़ा कर दिया है और इसको साबित करने की जिम्मेदारी कर्मचारियों पर ही डाल दी गई है। 
 
अमेरिका-भारत द्विपक्षीय व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि हमने अमेरिका के सामने दृढ़ता से भारतीय पेशेवरों के और एच-1बी वीजा और एल-1 वीजा के मुद्दे उठाए हैं। इस बैठक में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर भी शामिल थे।
 
प्रभु ने कहा कि हमने उनको समझाया कि हम इस मुद्दे को केवल इसलिए नहीं उठा रहे हैं कि इससे भारतीयों को अमेरिका आने में दिक्कत होगी, बल्कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए वास्तविकता का सामना करने में भी कठिनाइ होगी, क्योंकि बाहर से आने वाले आईटी पेशेवरों की वजह से अमेरिका ने लाभ उठाया है, जो ऐसी सेवाएं देते हैं जिससे उनकी उत्पादकता में सुधार हुआ है। केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई है कि अमेरिकी इस मुद्दे पर गौर करेंगे।
 
उन्होंने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग की ओर से टोटलाइजेशन का मामला भी उठाया। टोटलाइजेशन के तहत भारतीय कंपनियां चाहती हैं कि अल्पकालिक नौरी पर अमेरिका आने वाले कर्मचारियों से यहां पेंशन कोष जैसी सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं के लिए कटौती न की जाए, क्योंकि वे अंशदान देने के बावजूद यहां उसका लाभ उठा सकते हैं। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

महबूबा के 'आतंकी प्रेम' से पुलिसबल में नाराजगी