वाशिंगटन। गैलेक्सीज और डार्क मैटर का साथ चोली दामन का होता है और आप एक के बिना दूसरे को नहीं पाते हैं। लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों को एक ऐसी गैलेक्सी मिली है जिसमें डार्क मैटर ही नहीं है। इस बात से सारी दुनिया के वैज्ञानिक हैरान-परेशान हैं।
उल्लेखनीय है कि वैज्ञानिक वर्षों से अंतरिक्ष में फैले डार्क मैटर का रहस्य सुलझाने में जुटे हुए थे। उनकी आम राय है कि अंतरिक्ष में फैले इस रहस्यमय डार्क मैटर से ही आकाशगंगाओं का निर्माण हुआ है। लेकिन हाल में एक ऐसी गैलेक्सी खोजी गई है जिसमें डार्क मैटर मौजूद ही नहीं है। इस खोज ने अंतरिक्ष और आकाशगंगा की उत्पत्ति से जुड़े रहस्यों को फिर से सिर के बल खड़ा कर दिया है।
एनजीसी1052-डीएफ2 नाम की इस गैलेक्सी को फिलहाल अल्ट्रा डिफ्यूज गैलेक्सी के वर्ग में रखा गया है। अल्ट्रा डिफ्यूज गैलेक्सी आकार और भार में तो सामान्य गैलेक्सी जैसी होती है लेकिन इसके केवल एक प्रतिशत तारे ही चमकते हुए दिखाई देते हैं। पहली बार 2015 में इस तरह की गैलेक्सी की खोज हुई थी और अभी तक मिली किसी अल्ट्रा डिफ्यूज गैलेक्सी से डार्क मैटर गायब नहीं था।
विदित हो कि अमेरिका स्थित येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने हबल स्पेस टेलिस्कोप के साथ हवाई स्थित दो वेधशालाओं से जुटाई जानकारी के आधार पर डॉर्क मैटर रहित गैलेक्सी की पहचान की। टीम ने एनजीसी1052-डीएफ2 की बनावट और किसी अन्य गैलेक्सी के प्रभाव का पता लगाने के लिए जेमिनी मल्टी ऑब्जेक्ट स्पेक्ट्रोग्राफ से ली गई तस्वीरों का भी अध्ययन किया।
शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि इस आकाशगंगा का पूरा द्रव्यमान इसमें मौजूद तारों के भार के बराबर है। इसका मतलब है कि इसमें ना के बराबर ही डार्क मैटर होगा। इस नई जानकारी से अंतरिक्ष और आकाशगंगाओं के निर्माण संबंधी परम्परागत ज्ञान पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।