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कश्मीर भारत का द्विपक्षीय मामला, कोई तीसरा देश बीच में नहीं आए : मैक्रों

हमें फॉलो करें कश्मीर भारत का द्विपक्षीय मामला, कोई तीसरा देश बीच में नहीं आए : मैक्रों

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शुक्रवार, 23 अगस्त 2019 (01:11 IST)
चैन्टिली (फ्रांस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों के कई मुद्दों पर अहम चर्चा की। 90 मिनट की चर्चा के बाद एक साझा बयान में मैक्रों ने कहा कि कश्मीर भारत का द्विपक्षीय मामला है। इसमें कोई तीसरा देश कश्मीर के बीच नहीं आए। मैक्रों और मोदी ने साझा बयान भी जारी किया। 
 
राष्ट्रपति मैक्रों के साझा बयान के मुख्य अंश...
- प्रधानमंत्री मोदी के साथ कश्मीर के मामले मेरी बातचीत हुई 
- मोदी ने कश्मीर के मामले को समझाया और बताया कि हाल में क्या परिवर्तन किए
- भारत और पाकिस्तान मिलकर ही कश्मीर का हल निकालें
- हमें ठोस नतीजों के लिए एजेंडा बनाना होगा
- आतंकवाद के मुद्दे पर हम भारत के साथ हैं 
- पहला राफेल अगले महीने भारत आ जाएगा 
- मेक इन इंडिया में भी फ्रांस भारत का साथ देगा
- भारत को हम चंद्रयान मिशन के लिए बधाई देते हैं 
- 2020 तक भारत के साथ व्यापार बढ़ाने का लक्ष्य
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साझा बयान के अंश
- भारत और फ्रांस ने मिलकर लोकतंत्र की रक्षा की है
- भारत और फ्रांस के बीच संबंध सैकड़ों साल पुराना है
- पहले विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों ने फ्रांस का साथ दिया था
- हमारी दोस्ती किसी स्वार्थ पर नहीं टिकी है 
- हमारी मारी दोस्ती ‘लिबर्टी, इक्वलिटी और फ्रेटरनिटी’ के ठोस आदर्शों पर टिकी है
- सीमा पार से आतंक से लड़ने में फ्रांस से मदद मिली 
- हम दोनों देशों को आतंकवाद का लगातार सामना करना पड़ रहा है।
- फ्रांस से हर साल 2.5 लाख पर्यटक भारत आते हैं 
- G-7 में जलवायु परिवर्तन मुद्दे पर बातचीत होगी
- फ्रांस का दौरा मेरे लिए यादगार रहेगा 
- मैं अपने अभिन्न मित्र मैक्रों को इस चुनौतीपूर्ण समय में एक नए वीजन, उत्साह और कुशलता के साथ फ्रांस और G-7 के नेतृत्व के लिए शुभकामनाएं देता हूं
 
साझा बयान से पूर्व भारत और फ्रांस दोनों ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीय और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की। चेतऊ डी चैंन्टिली पेरिस से 50 किलोमीटर दूर स्थिति ऐतिहासिक इमारत है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंध हैं, जो दोनों देशों और दुनिया के लिए शांति और समृद्धि को बढ़ाने के लिए सहयोग करने के एक साझा दृष्टिकोण से प्रबल हुए हैं।

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