ट्यूनिस। फ्रांस के नीस स्थित गिरजाघर में हमले में शामिल 21 वर्षीय ट्यूनीशियाई नागरिक जब किशोर था, तब उस पर हिंसा के छोटे-मोटे मामले थे लेकिन ऐसा कुछ नहीं था जिससे ट्यूनीशियाई अधिकारियों को लगता कि वह चरमपंथी रुझान रखता है।
इब्राहीम ईसाओई को इटली से निकाले जाने का आदेश दिया गया था, जहां वह नौका पर सवार होकर अवैध तरीके से पहुंचा था। कुल मिलाकर वह जहां जाना चाहे, वहां जाने के लिए स्वतंत्र हो गया। तब इब्राहीम बेरोकटोक फ्रांस की ओर बढ़ गया।
इटली की गृहमंत्री लूसियाना लामोर्गीज ने शुक्रवार को एपी को बताया कि इब्राहीम पर ट्यूनीशियाई अधिकारी अथवा खुफिया सेवाओं को कोई संदेह नहीं था। उन्होंने कहा कि इटली के खचाखच भरे पुनर्वास केंद्रों में उसके लिए कोई जगह नहीं थी। हालांकि इटली के आश्रयगृहों में ठहरने के लिहाज से पात्र नहीं होने वाले ट्यूनीशिियाई नागरिकों को उनके देश वापस भेजने के समझौते हैं।
इस संदर्भ में लार्मोगीज ने कहा कि जाहिर तौर पर हम ऐसे लोगों को प्राथमिकता देते हैं जिन पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों या ट्यूनीशियाई अधिकारियों को संदेह नहीं होता। ट्यूनीशिया के आतंकवाद निरोधक अभियोजन कार्यालय के प्रवक्ता मोहसिन दाली ने कहा कि इब्राहीम को आतंकवादी तत्व के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया था।
दाली के मुताबिक इब्राहीम की मां ने जांचकर्ताओं को बताया था कि उसने अपनी उम्र के लोगों की तरह सामान्य जिंदगी जी। वह शराब पीता था और साधारण कपड़े पहनता था। उसने 2 साल पहले नमाज अदा करना शुरू किया था और उसका कोई संदिग्ध साथी भी नहीं था।
फ्रांस के नीस स्थित गिरजाघर में 3 लोगों की हत्या के मामले में आरोपी हमलावर इब्राहीम पुलिस की कार्रवाई में गंभीर रूप से घायल हो गया और वह गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती है। फ्रांस और ट्यूनीशिया की आतंकरोधी जांच एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं। (भाषा)(फ़ाइल चित्र)