वॉशिंगटन। अमेरिका के टेक्सास में हार्वे तूफान के बाद आई बाढ़ से यहां हाहाकार मच गया। इस वजह से यहां का तटवर्ती इलाका बुरी तरह प्रभावित हुआ है। फिलहाल दक्षिण टेक्सास में भयंकर वर्षा हो रही है। मौसम विभाग का कहना है कि पानी का स्तर 50 इंच तक पहुंच सकता है। ह्यूस्टन और कई अन्य शहरों में सड़कों पर पानी भर गया है।
अमेरिका के चौथे सबसे बड़े शहर में राजमार्ग, घर और इर्दगिर्द के इलाके पानी में डूबे हुए हैं। यहां कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है।
बचावकर्ता फंसे हुए लोगों तक नावों के जरिए पहुंच रहे हैं। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि इस हफ्ते के अंत तक जब तक आसमान साफ होने की उम्मीद है तब तक पूरे इलाके में 30,000 से अधिक लोग अपने घरों को छोड़कर जाने को मजबूर होंगे।
ह्यूस्टन और इर्दगिर्द के इलाकों में 1,00,000 से ज्यादा भारतीय-अमेरिकी रह रहे हैं। अपने घरों में फंसे हजारों भारतीय छात्रों को भारतीय वाणिज्य दूतावास ने मदद दी।
संघीय आपात प्रबंधन एजेंसी के प्रशासक ब्रॉक लौंग ने कहा कि गत सप्ताहांत आए हार्वे तूफान के कारण हुए भूस्खलन होने और बाढ़ की चपेट में आकर साढ़े चार लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। उन्हें आपातकालीन सहायता पहुंचाने की जरूरत है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लुइसियाना के लिए एक आपात अनुरोध को मंजूरी दी जहां भयंकर बाढ़ आने की आशंका है। कार्यकारी सुरक्षा सचिव एलेन ड्यूक ने सुबह एक न्यूज ब्रीफिंग में कहा, हार्वे अभी भी खतरनाक तूफान बना हुआ है।
ड्यूक ने कहा कि संघीय एजेंसियां टेक्सास में सरकारी और स्थानीय अधिकारियों को बाढ़ से प्रभावित लोगों को बचाने, उन्हें राहत पहुंचाने पर ध्यान दे रही हैं। उन्होंने कहा, फिलहाल हम राहत और बचाव कार्यों पर ध्यान दे रहे हैं तथा नुकसान के आकलन का काम अगले सप्ताह होगा।
ट्रंप ने आगाह किया है कि अभूतपूर्व आंधी और तूफान की वजह से आई बाढ़ कुछ ऐसी है जिससे उबरने में टेक्सास को लंबा समय लगेगा क्योंकि इससे पहले इस तरह की आपदा कभी नहीं आई थी।
ट्रंप ने उष्णकटिबंधीय चक्रवात हार्वे के बारे में कहा कि संभवत: पहले इस तरह का कुछ नहीं हुआ है। खाड़ी तट पर सप्ताहांत में तूफान आया था और इसने ह्यूस्टन प्रांत को जल प्लावित कर दिया।