लंदन। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक की प्रस्तावित डिजिटल मुद्रा 'लिब्रा' अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और वैश्विक नियामकों के निशाने पर है। साथ ही व्यापक क्रिप्टोकरेंसी समुदाय ने भी इस पर संशय जताया है।
लंदन के वित्तीय प्रौद्योगिकी या फिनटेक उद्योग के प्रभावशाली लोग आभासी मुद्राओं (वर्चुअल करेंसी) के भविष्य पर बातचीत करने के लिए एकत्रित हुए।
लंदन में हाल में हुए 'फिनटेक वीक' में एक कार्यक्रम में पूछा गया कि जो लोग 'लिब्रा' का इस्तेमाल करने के इच्छुक नहीं है, वे अपने हाथ उठाएं। करीब 100 विशेषज्ञों और मीडियाकर्मियों से भरे कमरे में दो-तिहाई लोगों ने अपने हाथ उठाकर फेसबुक की आभासी मुद्रा पर अविश्वास जताया।
ऐसा माना जा रहा है कि 'लिब्रा' वैश्विक तौर पर हावी आभासी मुद्रा बिटकॉइन को चुनौती देने वाली है। इसके 2020 की पहली छमाही में आरंभ होने की संभावना है। स्मार्टफोन पर 'लिब्रा' का इस्तेमाल करने के लिए यूजर को आभासी वॉलेट पर जाना होगा जिसका नाम 'कैलिब्रा' दिया जाएगा।
ट्रंप ने आभासी मुद्राओं पर हमला करते हुए कथित अस्पष्ट प्रकृति के लिए उनकी आलोचना की और दलील दी कि 'लिब्रा' का कोई आधार नहीं है और न ही कोई विश्वसनीयता। (भाषा)