लंदन। हममे से कई लोगों को सामान्य तापमान पर भी रात में सोते समय पसीना आता है। कभी-कभी तो सर्दी और बरसात के मौसम में भी ये पसीना इतना अधिक होता है कि हमारे कपड़ों के साथ-साथ बिस्तर को भी भिगा देता है। लेकिन, अगर सोता हुआ कोई व्यक्ति पसीने में लतपथ होकर जाग जाता है, तो ये खतरे की घंटी हो सकती है।
'द न्यू यॉर्क टाइम्स' में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के शिकागो स्थित रश यूनिवर्सिटी के मेडिसिन डिपार्टमेंट की डॉ केट रोलैंड ने दावा किया है कि कभी कभार पसीना आना शरीर के तापमान को नियंत्रित करने का हिस्सा हो सकता है। लेकिन, अक्सर पसीना आना किसी गंभीर बीमारी का शुरूआती संकेत हो सकता है।
बुखार, वजन घटने, थकान, खांसी, सांस लेने में परेशानी आदि तकलीफों के साथ अगर रात को सोते समय ज्यादा पसीना आता है तो इसे लिम्फोमा कैंसर, एचआईवी एड्स, मलेरिया और ट्यूबरक्लोसिस जैसी बीमारियों की चेतावनी के रूप में लेना चाहिए। इसके अलावा स्ट्रोक, डिसरिफ्लेक्सिया, ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी, एंग्जाइटी, मोटापा, हृदय रोग, लो ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, पार्किंसन जैसी बीमारियों की शुरुआत में भी पसीना आता है।
इम्पीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के प्रोफेसर कहते हैं कि आमतौर पर शरीर का तापमान बढ़ जाने के कारण पसीना आता है। लेकिन, अगर कमरे का तापमान कम करने के बाद भी पसीना आ रहा है और ऐसा कई दिनों से हो रहा है तो डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। सोते समय सांस लेने की तकलीफ होने से भी पसीना आता है। ऐसे में शीर्ष चिकित्सक इस बात की सलाह देते हैं कि सोने के ठीक पहले एक्सरसाइज करने, शराब या किसी तरह का गर्म पेय पीने और ज्यादा खाना खाने से बचना चाहिए।