मस्क की पुरातन प्रबंधन शैली है निर्मम, कंपनी में मची अराजकता और उथल पुथल

Webdunia
मंगलवार, 13 दिसंबर 2022 (20:24 IST)
टोरंटो। अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने ट्विटर का 28 अक्टूबर को अधिग्रहण करने के बाद से इस सोशल मीडिया मंच में कई बदलाव किए हैं जिसके परिणामस्वरूप कंपनी के भीतर व्यापक अराजकता और उथल-पुथल मची हुई है। ट्विटर के संचालन को संभालने के कुछ दिनों के भीतर मस्क ने कंपनी के शीर्ष अधिकारियों और 7,500 में से आधे कर्मचारियों को निकाल दिया।
 
विविधता और समावेशन का प्रतिनिधित्व करने वाले कर्मचारियों को असंगत तरीके से बाहर नहीं करने की सलाह को नजरअंदाज कर दिया और रोजगार, श्रम कानूनों एवं कर्मचारी अनुबंधों का उल्लंघन किया। इसके बाद मस्क ने 16 नवंबर को शेष कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए एक ई-मेल भेजा कि वे पूरी तरह खुद को काम में झोंक दें या कंपनी छोड़ दें। पत्र में कहा गया कि इसका मतलब है कि बहुत तेजी के साथ घंटों काम करना। केवल असाधारण प्रदर्शन करने वालों को ही उत्तीर्ण किया जाएगा।
 
ऐसा बताया जा रहा है कि कुछ कर्मचारी काम करते-करते अपने कार्यालयों में ही सो गए। ऐसी स्थिति पैदा करना मस्क के लिए नई बात नहीं है। उनका पहले से ही अधिकारियों को बर्खास्त करने और टेस्ला में बड़े पैमाने पर छंटनी करने का इतिहास रहा है।
 
मनुष्यों से मशीन के पुर्जों की तरह व्यवहार : मस्क यांत्रिक शैली के प्रबंधन में भरोसा करते हैं जिसके तहत कर्मचारियों से इंसानों के बजाय मशीन में लगे पुर्जे की तरह व्यवहार किया जाता है। अमेरिकी इंजीनियर फ्रेडरिक टेलर प्रबंधन सिद्धांत के शुरुआती समर्थकों में से एक थे।
 
टेलर ने 1910 में प्रकाशित 'द प्रिंसिपल्स ऑफ साइंटिफिक मैनेजमेंट' पुस्तक में लिखा था कि अतीत में मनुष्य पहले रहा है। भविष्य में व्यवस्था पहले होनी चाहिए। हमारी योजना में हम अपने कर्मचारियों से पहल नहीं मांगते हैं, हम कोई पहल नहीं चाहते। हम उनसे केवल यही चाहते हैं कि वे हमारे द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करें। जो हम कहते हैं, वह करें और इसे शीघ्र करें।
 
पुस्तक के अनुसार इस शैली के तहत उत्पादन के साधनों को कर्मचारियों की भावनात्मक स्थिति से अधिक महत्व दिया जाता है किंतु कर्मचारी वास्तव में भावनात्मक एवं संवेदनशील होते हैं जिनके पास सोचने-समझने की ताकत है और जब उनके साथ उचित व्यवहार किया जाता है तो वे अपना काम अच्छी तरह से करते हैं।
 
मानव केंद्रित कार्य : यांत्रिक प्रबंधन की कमियों के कारण मानवतावादी प्रबंधन दृष्टिकोण उत्पन्न हुआ। मानवतावादी दृष्टिकोण भावनात्मक रूप से स्वस्थ कार्यस्थलों, लैंगिक समानता, सम्मान, उत्पीड़न-विरोधी कर्मचारियों के बीच जुड़ाव और संघर्ष प्रबंधन को प्राथमिकता देता है।
 
वैश्विक महामारी कोरोना शुरू होने के बाद से अधिक मानवीय कार्यस्थल की अवधारणा तेजी से बढ़ रही है। कार्यस्थलों पर असंतोष के परिणामस्वरूप कर्मचारी अधिक मानव-केंद्रित कार्यस्थलों की मांग कर रहे हैं और अपने अधिकारों के लिए खड़े हो रहे हैं।
 
पत्रकार टॉम गिब्बी ने 'फोर्ब्स' में कहा कि कर्मचारी अपनी जरूरतों और चाहतों के बारे में स्पष्ट हैं। यदि उनका वर्तमान नियोक्ता उन जरूरतों को पूरा नहीं करता है तो वे एक नया नियोक्ता ढूंढते हैं, जो उनकी परवाह करता है। यह स्पष्ट है कि मस्क की कार्यस्थल संस्कृति के भले ही कोई भी लाभ हों लेकिन यह स्वस्थ नहीं है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

India Pakistan Attack News : भारत के हमलों से डरकर बंकर में छिपे पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ

क्या है भारत का S-400 डिफेंस सिस्टम, जिसने पाकिस्तान के मिसाइल हमलों को किया नाकाम

या खुदा आज बचा लो, फूट-फूटकर रोने लगा सांसद, Pakistan में Operation Sindoor का खौफ

India Attacks On Pakistan : राजस्थान में जिंदा पकड़ा गया पाकिस्तानी JF-17 का पायलट

पाकिस्तान ने जम्मू को बनाया निशाना, मिसाइलों और ड्रोनों से किया हमला, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

सभी देखें

नवीनतम

सीजफायर पर पाकिस्तान के PM शरीफ ने जताई राहत, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को कहा शुक्रिया

पाकिस्तान ने तोड़ा यु्द्ध विराम, भारतीय सेना को मिला कड़ी कार्रवाई का आदेश

भारत का मोस्टवांटेड आतंकी यूसुफ अजहर हवाई हमले में ढेर, कंधार विमान अपहरण कांड का था मुख्य षड्यंत्रकर्ता

पाकिस्तान के हर दुस्साहस का निर्णायक जवाब मिलेगा : भारतीय सेना

सिंधु जल संधि ‍निलंबन समेत अन्य प्रतिबंध पाकिस्तान पर लागू रहेंगे

अगला लेख
More