डोनाल्ड ट्रम्प और व्लादिमीर पुतिन के बीच पहली द्विपक्षीय वार्ता 16 जुलाई को हेलसिंकी में

Webdunia
गुरुवार, 28 जून 2018 (20:17 IST)
वॉशिंगटन/मास्को। अमेरिका और रूस के बीच दोनों देशों के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और व्लादिमीर पुतिन के बीच शीघ्र शिखर बैठक आयोजित करने को लेकर बुधवार को एक समझौता हुआ। ट्रम्प और पुतिन के बीच पहली द्विपक्षीय वार्ता 16 जुलाई को फिनलैंड के हेलसिंकी में होगी।
 
 
उक्त समझौते से अमेरिकी सहयोगियों की चिंताएं बढ़ सकती हैं जबकि ट्रम्प को अपने देश में आलोचकों की तीखी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ सकता है। क्रेमलिन में पुतिन की अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन से मुलाकात के बाद रूस के विदेशी नीति सहयोगी यूरी उशाकोव ने समझौते की जानकारी दी। 
 
उन्होंने कहा कि पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तीसरे देश में शिखर बैठक होगा और इसके लिए तैयार होने के लिए कई हफ्तों की आवश्यकता है। रूस और अमेरिका गुरुवार को शिखर बैठक का समय और स्थान की घोषणा करेंगे। वॉशिंगटन में ट्रम्प ने कहा कि उनकी बैठक संभवत: उत्तरी एटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के नेताओं के 11-12 जुलाई के शिखर सम्मेलन के बाद होगी। इस सम्मेलन में ट्रम्प भी मौजूद रहेंगे। 


 
ट्रम्प ने हेलसिंकी को बैठक के लिए संभावित स्थान होने की भी पुष्टि की। हालांकि कुछ अधिकारियों के मुताबिक रूस इस शिखर बैठक को ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में कराए जाने को लेकर दबाव डाल रहा है। ट्रम्प ने सीरिया और यूक्रेन समेत विभिन्न विषयों पर पुतिन के साथ चर्चा करने की बात कही है।
 
हालांकि उनकी वार्ता सूची में अमेरिकी खुफिया अधिकारियों की वह चेतावनी शामिल नहीं है कि रूस नवंबर में होने वाले अमेरिकी कांग्रेस चुनाव में हस्तक्षेप करने की कोशिश करेगा। दोनों नेता इससे पहले वियतनाम में एशिया-प्रशांत शिखर सम्मेलन के दौरान गत वर्ष नवंबर में मिले थे। 
 
उस वार्ता के बाद ट्रम्प ने कहा कि उनका मानना है कि रूस के 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने के आरोपों से पुतीन ने इंकार किया। बाद में ट्रम्प अपनी इस टिप्पणी से पीछे हट गए।
 
यह शिखर बैठक पुतिन को अलग-थलग करने की चाह रखने वाले ब्रिटेन जैसे अमेरिकी सहयोगियों को परेशान कर सकता है। या फिर उनको जो रूसी नेता के प्रति ट्रम्प के अत्यधिक अनुकूल दृष्टिकोण को लेकर अधिक चिंतित हैं। 
 
अमेरिका की ओर से प्रतिबंधों को कड़ा किए जाने के बावजूद उन आलोचकों में इसबात को लेकर तीखी प्रतिक्रिया होने की संभावना जो नाटो गठबंधन के लिए ट्रम्प की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाते हैं और रूस के साथ संबंधों के पुनर्निर्माण की उनकी इच्छा पर आक्रोश जताते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

1000km दूर बैठा दुश्मन पलक झपकते तबाह, चीन-पाकिस्तान भी कांपेंगे, लैंड अटैक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

उद्धव ठाकरे की 2 दिन में 2 बार चेकिंग से गर्माई महाराष्ट्र की सियासत, EC ने कहा- शाह और नड्डा की भी हुई जांच

महाराष्ट्र में विपक्ष पर बरसे मोदी, कहा अघाड़ी का मतलब भ्रष्टाचार के सबसे बड़े खिलाड़ी

Ayushman Card : 70 साल के व्यक्ति का फ्री इलाज, क्या घर बैठे बनवा सकते हैं आयुष्मान कार्ड, कैसे चेक करें पात्रता

बोले राहुल गांधी, भाजपा ने जितना पैसा अरबपति मित्रों को दिया उससे ज्यादा हम गरीब और किसानों को देंगे

सभी देखें

नवीनतम

Manipur: जिरिबाम में मेइती समुदाय के 2 पुरुषों के शव बरामद, 3 महिलाएं और 3 बच्चे लापता

UPPSC: अखिलेश ने साधा आदित्यनाथ पर निशाना, कहा योगी बनाम प्रतियोगी छात्र हुआ माहौल

Maharashtra Election 2024 : पाकिस्तान की भाषा बोल रही है कांग्रेस, पुणे में बोले PM मोदी

सलमान खान को धमकी देने वाला कर्नाटक से गिरफ्‍तार, मांगी थी 5 करोड़ की फिरौती

मथुरा की रिफाइनरी में लगी आग, 10 से अधिक लोग झुलसे

अगला लेख
More