वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अपनी ओर से पहली बार इफ्तार की दावत दी। इस दौरान उन्होंने सभी के लिए सुरक्षित और समृद्ध भविष्य हासिल करने के वास्ते मुस्लिम समुदाय से सहयोग मांगा। कई मुस्लिम संगठनों ने ट्रंप की इफ्तार पार्टी के समय पर ही अलग से इफ्तार आयोजित की।
ट्रंप के इस कदम से कई लोग हैरान हो गए हैं। पिछले साल उन्होंने इफ्तार की दावत देने से मना कर दिया था। वर्ष 1990 में बिल क्लिंटन के कार्यकाल के दौरान इसकी शुरुआत हुई थी।
मुस्लिम विरोधी रुख के लिए पहचाने जाने वाले ट्रंप ने दुनियाभर के मुस्लिमों को रमजान की मुबारकबाद दी तथा सभी के लिए सुरक्षित और समृद्ध भविष्य हासिल करने के वास्ते सहयोग मांगा।
ट्रंप ने बुधवार शाम दावत के दौरान राजनयिकों और अधिकारियों से कहा, 'एक साथ काम करके ही हम सभी के लिए सुरक्षित और समृद्ध भविष्य हासिल कर सकते हैं। इसी कारण मुझे राष्ट्रपति के तौर पर पहली विदेश यात्रा के रूप में मुस्लिम देश जाकर गर्व महसूस हुआ जहां मैंने मुस्लिम बहुल देशों के 50 से अधिक नेताओं की सभा को संबोधित किया।'
सभा को संबोधित करने के बाद ट्रंप भोज के लिए बैठे। मेज पर उनके साथ सऊदी अरब के शहजादे खालिद बिन सलमान और जॉर्डन के दूत दीना कवार मौजूद थे। इंडोनेशिया के राजदूत भी रात्रिभोज में शामिल हुए।
इफ्तार पार्टी के लिए संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, ट्यूनीशिया, कतर, बहरीन, मोरक्को, अल्जीरिया, लीबिया, कुवैत, जाम्बिया, इथियोपिया, इराक और बोस्निया समेत कई मुस्लिम देशों के दूतों को आमंत्रित किया गया था।
उपराष्ट्रपति माइक पेंस और वित्त मंत्री स्टीवन मुचिन तथा वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस समेत ट्रंप के मंत्रिमंडल के कई सदस्य भी इफ्तार पार्टी में शामिल हुए।
इस बीच, ट्रंप प्रशासन के कथित मुस्लिम विरोधी रुख के खिलाफ प्रदर्शन स्वरूप कुछ मुस्लिम समूहों ने व्हाइट हाउस के बाहर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया।
इससे पहले व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव साराह सैंडर्स ने कहा, ‘अलग-अलग समुदायों से वहां उपस्थित करीब 30-40 लोग इसमें शामिल होंगे।’