वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश में जन्म लेने वाले ऐसे बच्चों के जन्मजात नागरिकता के अधिकार को समाप्त करने का निर्णय किया है जिनके माता-पिता अमेरिकी नागरिक नहीं हैं। इसके लिए राष्ट्रपति ने शासकीय आदेश लाने की बात कही है जिसकी तीखी आलोचना हो रही है।
खुद ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी से भी आलोचना के स्वर उठ रहे हैं। ट्रंप ने एक्सिओस को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि जन्मजात नागरिकता को समाप्त होना होगा और यह काम शासकीय आदेश के जरिए होगा। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के स्पीकर, कांग्रेस सदस्य पॉल रयान ने कहा कि आप शासकीय आदेश के जरिए जन्मजात नागरिकता को समाप्त नहीं कर सकते।
रयान ने केन्टुकी के लेजिंग्टन में स्थानीय रेडियो स्टेशन से कहा कि जब पूर्व राष्ट्रपति (बराक ओबामा) ने शासकीय आदेश के जरिए आव्रजन नियमों में बदलाव करने की कोशिश की तब भी हमने इसे पसंद नहीं किया था और कंजरवेटिव पार्टी से होने के नाते हम संविधान में विश्वास करते हैं। वर्तमान कानून के मुताबिक अमेरिका में जन्म लेने वाला कोई भी बच्चा अमेरिकी नागरिक होता है फिर चाहे उसके माता-पिता अमेरिका के नागरिक हों अथवा नहीं।
ट्रंप ने अपने साक्षात्कार में कहा कि मुझे हमेशा बताया गया कि आपको संविधान में संशोधन की जरूरत है, एक संशोधन। पहली बात आपको यह करना नहीं है। दूसरी बात कि आप यह कांग्रेस के जरिए कर सकते हैं। लेकिन अब वे कह रहे हैं कि मैं सिर्फ एक शासकीय आदेश के जरिए ऐसा कर सकता हूं।
इस साक्षात्कार का कुछ हिस्सा मंगलवार को प्रसारित किया गया था। पूरा साक्षात्कार 'एक्सिओज ऑन एचबीओ' पर रविवार को प्रसारित किया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में जन्मे किसी को भी नागरिकता देना हास्यास्पद है। हम विश्व में इकलौते देश हैं, जहां कोई आता है और बच्चे को जन्म देता है और फिर बच्चा 85 वर्षों के लिए अमेरिका का अनिवार्य नागरिक बन जाता है, साथ ही उसे सभी प्रकार के लाभ मिलते हैं। यह हास्यास्पद है और इसे समाप्त होना होगा।
सीनेट की शक्तिशाली न्यायपालिका समिति के अध्यक्ष रिपब्लिक सांसद चक ग्रासले ने कहा कि ऐसा करने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा। डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता नैंसी पेलोसी ने ट्रंप के इस कदम की आलोचना की है। अमेरिकन इम्मिग्रेशन काउंसिल के कार्यकारी निदेशक बेथ वर्लिन ने कहा कि कोई भी राष्ट्रपति अपनी कलम से संविधान नहीं बदल सकता। जन्मजात नागरिकता के प्रावधान को संविधान में एक नया संशोधन कर ही खत्म किया जा सकता है। (भाषा)