इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने भारत में जासूसी के लिए नई दिल्ली स्थित उच्चायोग में अपने अधिकारी को अवांछित करार दिए जाने की निंदा की और अपने राजनयिक के खिलाफ आरोपों को गलत और अप्रमाणित बताया।
विदेश विभाग ने बयान जारी कर कहा कि हिरासत में लिए जाने और राजनयिक से र्दुव्यवहार की हम निंदा करते हैं। भारत की कार्रवाई पूरी तरह नकारात्मक और मीडिया के जानबूझकर चलाए गए अभियान के कारण है। यह कदम स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि भारत पाकिस्तानी उच्चायोग के कामकाज का दायरा सीमित करना चाहता है।
बयान में कहा गया है कि नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के एक सदस्य को बुधवार को (26 अक्तूबर 2016) भारतीय अधिकारियों ने गलत और अप्रमाणित आरोपों में पकड़ा। बहरहाल हमारे उच्चायोग के हस्तक्षेप से उसे तीन घंटे के अंदर रिहा कर दिया गया।
बयान में दावा किया गया, 'हम भारत के आरोपों से इंकार करते हैं और भारतीय कार्रवाई की निंदा करते हैं जो वास्तव में वियना सम्मेलन के साथ ही राजनयिक नियमों का उल्लंघन है और खासकर इस खराब चल रहे माहौल में।'
बयान में कहा गया, 'पाकिस्तान उच्चायोग अंतरराष्ट्रीय कानून और राजनयिक नियमों के तहत हमेशा काम करता रहा है।' यह आरोप लगाया गया कि तनाव बढ़ाने के भारत के प्रयास और कश्मीर में घोर मानवाधिकार उल्लंघन की तरफ से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भटकाने का षड्यंत्र कभी सफल नहीं होगा। (भाषा)