पेशावर। पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम प्रांत में बुधवार को क्रोधित भीड़ ने एक हिन्दू मंदिर में तोड़फोड़ की। जिला पुलिस अधिकारी इरफान मरवत ने पत्रकारों को बताया कि घटना खैबर पख्तूनख्वा में करक जिले के टेर्री गांव की है।
मरवत के मुताबिक मंदिर को विस्तार देने का काम किया जा रहा था जिसका विरोध हो रहा था। भीड़ ने पुराने ढांचे के समीप बनाए गए नए निर्माण को गिरा दिया। अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है न ही किसी की गिरफ्तारी हुई है।
पाकिस्तान के मानवाधिकारों के लिए संघीय संसदीय सचिव लालचंद मल्ही ने 'कुछ असामाजिक तत्वों' द्वारा मंदिर में तोड़फोड़ की घटना की कड़ी निंदा की है। मल्ही ने कहा कि पाकिस्तान को बदनाम करने के लिए ऐसी असामाजिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कुछ समूह सक्रिय हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगी। मल्ही ने बताया कि उन्होंने जिला प्रशासन से मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा है। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने मंदिर पर हमले को 'एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना' बताया है। उन्होंने मामले पर पुलिस से जल्दी रिपोर्ट मांगी है और घटना में शामिल लोगों की फौरन गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं।
खान ने संकल्प लिया कि उनकी सरकार ऐसी घटनाओं से इबादतगाहों की हिफाजत करेगी। हिन्दू समुदाय पेशावर के नेता हारून सरब दियाल ने कहा कि मंदिर में एक हिन्दू धार्मिक नेता की समाधि है और देशभर के हिन्दू परिवार हर गुरुवार को समाधि पर आते हैं। उन्होंने कहा कि घटना हिन्दू समुदाय की भावनाओं को आहत करती है और इस्लामी विचारधारा परिषद को इसका संज्ञान लेना चाहिए।
दियाल ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की बात करते हैं लेकिन उनके खुद के मुल्क में अल्पसंख्यकों के पूजा स्थल महफूज नहीं हैं। हिन्दू पाकिस्तान का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक तबका है। आधिकारिक अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान में 75 लाख हिन्दू रहते हैं। हालांकि समुदाय के मुताबिक देश में हिन्दुओं की आबादी 90 लाख से ज्यादा है। (भाषा)