अमेरिका का चीन पर हमला, सुरक्षा को पैदा कर रहा है खतरा

Webdunia
शुक्रवार, 29 मार्च 2019 (17:57 IST)
वॉशिंगटन। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है वन-बेल्ट-वन-रोड (ओबीओआर) पहल समेत चीन की दुनियाभर में चल रही परियोजनाओं में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के तत्व शामिल हैं। चीन सुरक्षा के लिए खतर पैदा कर रहा है। 
 
ओबीओआर को बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) के नाम से भी जाना जाता है। यह अरबों डॉलर की परियोजना है जो एशियाई देशों, अफ्रीका, चीन और यूरोप के बीच संपर्क और सहयोग को बेहतर बनाने पर केंद्रित है। पोम्पिओ ने बृहस्पिवार को वॉशिंगटन में कहा कि अमेरिका, उसके दोस्तों और सहयोगियों की सुरक्षा के लिए चीन खतरा पैदा कर रहा है।
 
पोम्पिओ ने नेशनल रिव्यू इंस्टीट्यूट के 2019 आइडियाज समिट में रिच लॉरी के साथ बातचीत में कहा कि वे दक्षिण चीन सागर में इसलिए नहीं जा रहे कि वे नौवहन की स्वतंत्रता चाहते हैं। इसी तरह दुनिया भर में बंदरगाहों के निर्माण के उनके प्रयास इसलिए नहीं हैं कि वे अच्छे जहाज निर्माता और जलमार्गों के प्रबंधक बनना चाहते हैं, बल्कि उनमें से हर काम में राष्ट्रीय सुरक्षा का तत्व छिपा है। उन्होंने कहा कि बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) के साथ भी ऐसा ही है।
 
दरअसल, भारत ने बीआरआई के ही हिस्से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को लेकर चिंता जताई है क्योंकि यह परियोजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजर रही है। इस तीन हजार किलोमीटर की सीपीईसी परियोजना का मकसद चीन और पाकिस्तान को रेल, सड़क, पाइपलाइन और ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क से जोड़ना है। अमेरिकी विदेशमंत्री ने कहा कि दुनिया इस खतरे को लेकर जागरूक हो रही है।
 
पोम्पिओ ने कहा कि मुझे लगता है कि विशेष रूप से एशिया तथा दक्षिण पूर्वी एशिया इस खतरे को लेकर जागरूक हो रहा है और मुझे आशा है कि विदेश मंत्रालय यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है कि चीन का इन गतिविधियों में शामिल होना और अधिक कठिन हो जाए। 
 
पोम्पिओ का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब चीन अगले महीने से दूसरे बेल्ट एंड रोड फोरम (बीआरएफ) की बैठक के आयोजन की तैयारी में है। भारत ने 2017 में पहले बीआरएफ सम्मेलन का बहिष्कार किया था, जबकि चीन पाकिस्तान के साथ सीपीईसी की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
 
चीन के विदेशमंत्री वांग यी ने इस महीने यहां वार्षिक मीडिया ब्रीफिंग में बताया था कि बीआरएफ सम्मेलन अप्रैल में होगा और यह 2017 की तुलना में कहीं अधिक बड़े पैमाने पर आयोजित होगा। साथ ही इसमें पहले की तुलना में अधिक अंतरराष्ट्रीय सहभागिता दिखेगी।
 
वांग ने अमेरिका और भारत तथा कई देशों के उन आरोपों का खंडन किया कि बीआरआई छोटे देशों को कर्ज के बोझ की जाल में फंसा रहा है। वांग ने दावा किया कि बीआरआई ‘कर्ज का जाल’ नहीं है जिसमें कुछ देश फंस जाएं बल्कि यह एक ‘आर्थिक मदद’ है जो स्थानीय आबादी को फायदा पहुंचाता है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Project Cheetah : प्रोजेक्ट चीता अच्छा काम कर रहा, NTCA ने जारी की रिपोर्ट

No Car Day : इंदौर 22 सितंबर को मनाएगा नो कार डे, प्रशासन ने नागरिकों से की यह अपील

LLB अंतिम वर्ष के छात्र भी दे सकेंगे AIBE की परीक्षा, Supreme Court ने BCI को दिए आदेश

फारूक अब्दुल्ला का PM मोदी पर पलटवार, कहा- वे उन लोगों के साथ खड़े जिन्हें पाक से मिलता है धन

बैठक के दौरान जब CM योगी ने पूछा, कहां हैं पूर्व सांसद लल्लू सिंह?

सभी देखें

नवीनतम

Petrol Diesel Prices: Crude oil के दाम फिर बढ़े, जानें क्या हैं देश में पेट्रोल डीजल के भाव

भुवनेश्वर में मानवता शर्मसार, कैप्टन की मंगेतर पर लॉकअप में हुए अत्याचारों की खौफनाक कहानी

राजस्थान में अगले 2 हफ्ते कई स्थानों पर बारिश की संभावना

प्रधानमंत्री मोदी 3 दिवसीय यात्रा पर अमेरिका रवाना, जानिए कार्यक्रम

Weather Updates: दक्षिण पश्चिम मानसून अब विदाई की ओर, IMD ने बताया कब वापस लौटेगा

अगला लेख
More