बीजिंग। भारत ने शंघाई पुदोंग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक चीनी एयरलाइन के कर्मचारियों द्वारा भारतीयों के साथ किए गए दुर्व्यवहार का मामला चीन के समक्ष उठाया है। एक भारतीय यात्री ने यह शिकायत दर्ज कराई थी।
सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संज्ञान में लाए जाने के बाद यह मामला चीनी विदेश मंत्रालय के शंघाई विदेश मामलात कार्यालय और पुदोंग हवाई अड्डा प्राधिकरण के समक्ष उठाया गया।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने शनिवार रात कहा कि इसी बीच चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि संबंधित सामग्री और हवाई अड्डे की सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद पाया गया कि घटना से जुड़ी खबरें तथ्यों के अनुरूप नहीं हैं।
एयरलाइन ने बयान में कहा कि एयरलाइन के कर्मचारियों ने तो शानदार सेवा दी। इससे पहले मीडिया में आई खबरों में कहा गया था कि नॉर्थ-अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक सतनाम सिंह चहल ने सुषमा को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि उन्होंने देखा कि विमान से व्हीलचेयर यात्रियों को निकालने के लिए बने निकास द्वार पर कर्मचारी (ग्राउंड स्टाफ) भारतीय यात्रियों का अपमान कर रहे थे।
6 अगस्त को चहल ने नई दिल्ली से सेनफ्रांसिस्को जाने के लिए चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस की फ्लाइट ली थी। उन्हें सेन फ्रांसिस्को जाने वाला विमान लेने के लिए शंघाई पुदोंग हवाई अड्डे पर रुकना पड़ा था। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने संबंधित एयरलाइन से शिकायत की तो अधिकारी उन पर चिल्लाने लगा।
चहल के पत्र के हवाले से कहा गया कि मैंने उनकी शारीरिक भाव-भंगिमा पर गौर किया कि वे भारत और चीन के बीच बढ़ रहे सीमा विवाद से कुंठित थे। यहां वे डोकलाम इलाके में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लगभग 2 माह से चल रहे गतिरोध की ओर इशारा कर रहे थे। चहल ने सुषमा से यह भी सुझाव दिया कि वे भारतीय यात्रियों को परामर्श जारी करें कि वे चीन के रास्ते होकर जाने से बचें।
पिछले माह चीन ने भारत में अपने नागरिकों को एक सुरक्षा परामर्श जारी करके कहा था कि वे मौजूदा चीन-विरोधी भावनाओं से प्रभावित होने से बचने के लिए अपनी सुरक्षा पर अधिक ध्यान दें और ऐहतियात बरतें। (भाषा)