चीन की कथनी और करनी में हमेशा अंतर रहा है। भारत में चीनी सामान के बहिष्कार से वह तिलमिला उठा है। एक तरफ जहां वह पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर विवाद कम करने की बात कर रहा है, वहीं दूसरी ओर चीन के सरकारी अखबारों में छपे लेखों में भारत के खिलाफ बातें लिखी जा रही हैं।
ट्विटर पर #BoycottChineseProduct ट्रेंड कर रहा है। सीमा पर चीन के साथ तनाव के बीच भारत में चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने की मुहिम चल रही है। ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में कहा गया है कि कुछ भारतीय राष्ट्रवादियों के कारण भारत में एंटी-चीन भावना पनप रही है।
कोरोना वायरस को लेकर दुनिया में अलग-थलग पड़ चुका चीन अब भारत में चीनी सामान के बहिष्कार से तिलमिला उठा है। इस लेख में सोनम वांगचुक का भी उल्लेख है। इसमें कहा गया कि सोनम वांगचुक जैसे शख्स आम भारतीयों को चीनी सामानों का बहिष्कार करने के लिए उकसा रहे हैं।
लेख में कहा गया कि चीन के खिलाफ आम भारतीयों को भड़काने और बदनाम करने की यह जान-बूझकर की गई कोशिश है। चीनी सामानों के बहिष्कार की अपील पूरी तरह फेल हो जाएगी, क्योंकि ये उत्पाद आम भारतीयों की जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं और इसे हटाना बेहद कठिन है।
गौरतलब है कि चीन को सबक सिखाने के लिए सोनम वांगचुक ने यूट्यूब पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इसमें उन्होंने बताया कि चीन को आईना दिखाने के लिए क्या किया जा सकता है। उनके हिसाब से इसके दो तरीके हैं- एक तो सेना की तैनाती और दूसरा भारतीयों की ओर से चीनी सामान का बहिष्कार। सोनम वांगचुक के इस वीडियो को लोगों ने समर्थन देते हुए सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया था।