बीजिंग। चीन की आधिकारिक मीडिया ने मंगोलिया को चेतावनी देते हुए कहा कि उसका भारत से मदद मांगना राजनीतिक रूप से जल्दबाजी भरा कदम है और यह कदम द्विपक्षीय संबंधों को मुश्किल बनाएगा। ऐसी खबरें आई थी कि उलान बटोर ने चीन द्वारा सीमा शुल्क लगाने समेत कई कारकों से उत्पन्न वित्तीय कठिनाइयों को दूर करने के लिए नई दिल्ली की मदद मांगी थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने चीन के कदमों का मुकालबा करने के लिए मंगोलिया की भारत से समर्थन की मांग करने संबंधी नई दिल्ली में मंगोलिया के राजदूत गोंचीग गनहोल्ड की टिप्पणी को लेकर पूछ गए सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्होंने इस तरह की किसी भी टिप्पणी के बारे में नहीं सुना।
हालांकि चीन की आधिकारिक मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने भारत से मदद मांगने के लिए मंगोलिया की आलोचना की।
इसने एक लेख में कहा कि रूस और चीन के बीच बसा मंगोलिया किसी सत्ता प्रतिस्पर्धा में शामिल हुए बिना दोनों देशों से लाभ प्राप्त करने के लिए एक तटस्थ देश बनने की कोशिश करता है।
इसमें कहा गया, 'लेकिन मंगोलिया यह भी उम्मीद रखता है कि वह एक तीसरे पड़ोसी की ओर जा सकता है जिसके जरिए वह अधिक मोलभाव कर अधिक फायदा उठा सके। लेकिन मंगोलिया को सतर्क रहना चाहिए कि यह इस तरह के भू-राजनीतिक खेल के जोखिम को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।
लेख में कहा गया कि मंगोलिया को यह जानना चाहिए कि द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने के लिए एक दूसरे का सम्मान करना एक पूर्व शर्त है। मंगोलिया का भारत से समर्थन मांगना राजनीतिक रूप से जल्दबाजी भरा कदम है जो सिर्फ स्थिति को जटिल बनाएगा और मुद्दे को सुलझाना मुश्किल बना देगा। हमें उम्मीद है कि संकट-ग्रस्त मंगोलिया सबक सीखेगा।
मंगोलिया ने चीन की परवाह किए बिना पिछले महीने चार दिनों के लिए दलाई लामा की मेजबानी की थी और कहा कि यह पूरी तरह से धार्मिक यात्रा थी। (भाषा)