पेइचिंग। चीन के सरकारी मीडिया ने कहा है कि उनका देश युद्ध की तैयारी कर रहा है। इस तैयारी के तहत चीन के सैनिक क्षेत्रों, सैन्य छावनियों में ब्लड बैंकों को स्थापित किया जा रहा है और इनमें बड़ी मात्रा में रक्त इकट्ठा किया जा रहा है।
सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि डोकलाम को लेकर भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध के बीच चीन ने युद्ध की तैयारी शुरू कर दी है। अखबार में छपी खबर के अनुसार चीन ने ब्लड बैंकों को मिलिट्री इलाकों में शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया है।
इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा है कि गतिरोध रोकने की एक ही शर्त है और इस शर्त के मुताबिक भारत अपनी सेना डोकलाम से वापस बुला ले। वहीं चीन की सोशल साइंस अकादमी के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्ट्रेटेजी की डायरेक्टर ये हेलिन ने ग्लोबल टाइम्स से कहा कि इसका मतलब है कि यदि भारत अपनी सेना हटाता है तो भी चीन इस मुद्दे को जाने नहीं देगा। चीन भारत को उसके भड़काऊ व्यवहार के लिए माफ नहीं करेगा।
लेकिन चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि लद्दाख में चीनी सैनिकों की घुसपैठ और दोनों देशों के सैनिकों के टकराव और एक दूसरे पर पत्थरबाजी की घटना की जानकारी उसे नहीं है। उसका कहना है कि इस घटनाक्रम में दोनों ओर के सैनिकों के घायल होने के बारे में मंत्रालय का कहना है कि उसे इस तरह की घटना की कहीं से कोई जानकारी नहीं मिली है और यह असत्य भी हो सकती है।
इस खबर में यह भी लिखा गया है कि चीन को युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि भारतीय सेना पीछे नहीं हट रही है। यदि खूनखराबा होता है तो चीन को सैन्य संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए। इस बीच चीन के एक सैन्य विशेषज्ञ सोंग झोंगपिंग का कहना है कि हथियारों की गुणवत्ता और आर्मी के लिहाज से चीनी सेना की स्थिति बेहतर है। ग्लोबल टाइम्स की इस खबर में चीन की सेना के पास मौजूद हथियारों, रॉकेट लॉन्चरों आदि का बखान किया गया है और कहा गया है कि उनकी गुणवत्ता भारत ही नहीं पूरी दुनिया से बेहतर है।
ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि युद्ध की स्थिति में चीन, तिब्बत के सिविलियन एयरपोर्ट्स (नागरिक हवाई अड्डों) को सैन्य विमानों के लिए प्रयोग कर सकता है। चीन के अलग-अलग इलाकों के अस्पतालों में खून के इस्तेमाल में कमी की जा रही है। विदित हो कि चांगशा के एक अस्पताल के सूत्रों के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि चीन की आर्मी ने ब्लड बैंक को रिलोकेट (दूसरे स्थान पर पहुंचा दिया है) कर दिया है और युद्ध की स्थिति में खून की आपूर्ति को देखते हुए स्थानीय सरकार रक्तदान के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है।
अस्पताल से जुड़े सूत्रों ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि 8 अगस्त को सिचुआन प्रांत में खून का स्टॉक पहुंचाया गया था और संभवतः उसे तिब्बत पहुंचाया जाएगा। पर साथ ही भारत की कटु सच्चाई के बारे में कहा कि भारत छोटी सोच वाला देश है, वह इलाके का दादा बनना छोड़े।