अमेरिकी खुफिया तंत्र ने अपनी रिपोर्ट में भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ने की आशंका जताई है। इस रिपोर्ट के अलावा माइक पॉम्पियों की हाल ही में आई किताब और नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी भी भारत के 2 पड़ोसी देशों से तनावपूर्ण संबंधों और युद्ध की आशंका जताती है।
क्या कहती है खुफिया तंत्र की रिपोर्ट : अमेरिकी खुफिया तंत्र के अनुसार, पाकिस्तान के उकसावों की स्थिति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पहले की तुलना में भारत द्वारा कहीं अधिक सैन्य बल के जरिए जवाबी कार्रवाई किए जाने की आशंका है।
अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-चीन द्विपक्षीय सीमा विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने में लगे हुए हैं, लेकिन 2020 में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुए संघर्ष के मद्देनजर संबंध तनावपूर्ण ही रहेंगे। इस घटना के बाद से दोनों के बीच संबंधों की स्थिति गंभीर है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विवादित सीमा पर भारत और चीन दोनों द्वारा सेना का विस्तार दो परमाणु शक्तियों के बीच सशस्त्र टकराव के जोखिम को बढ़ाता है, जिससे अमेरिकी लोगों तथा हितों को सीधा खतरा हो सकता है।
मोदी को लेकर क्या कहा था नास्त्रेदमस ने : मशहूर फ्रेंच भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने आज से करीब 450 साल पहले ही इस बात की भविष्यवाणी कर दी गई थी कि वर्ष 2014 से 2026 तक भारत का प्रतिनिधित्व एक ऐसा व्यक्ति करेगा जिससे शुरुआत में लोग बहुत ही नफरत करेंगे लेकिन बाद में जनता और बाकी सभी लोग उसे बहुत प्यार देंगे।
नास्त्रेदमस लिखते हैं कि एक महान व्यक्ति भारत में जन्म लेगा, जो पूर्व के सभी राष्ट्रों पर हावी होगा। उससे भयभीत होकर उसे सत्ता में आने से रोकने के लिए एक महाशक्ति और दो पड़ोसी देश षड्यंत्र करेंगे, पर वह सभी के षड्यंत्रों को विफल करता हुआ प्रचंड बहुमत से सत्तासीन हो जाएगा।
क्या था माइक पॉम्पियों का दावा : ट्रंप सरकार में विदेश मंत्री रहे माइक पॉम्पियों ने एक किताब में दावा किया था कि पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध की नौबत आ गई थी। उन्होंने कहा कि 2019 की फरवरी में परमाणु हमला होने ही वाला था। वो रात मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा।
बहरहाल, भले ही उपर कहीं गई बातें भारत - पाकिस्तान तथा भारत - चीन के बीच युद्ध की आशंका जता रही हो पर फिलहाल इन देशों के बीच टकराव के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक रूप में पूरी तरह टूटा नजर आ रहा है। वह भले ही अभी भी कश्मीर राग अलाप रहा हो पर उसके तेवर तल्ख नहीं हैै दूसरी तरफ चीन ने भले ही अपना रक्षा बजट बढ़ाया हो पर वह भारत के साथ युद्ध की स्थिति में नहीं है। बताया जा रहा है कि चीन का ध्यान इन दिनों ताइवान और ऑस्ट्रेलिया पर है।