लंदन। राजकुमार हैरी और मेगन मर्केल के अमेरिका के एक चैनल को दिए साक्षात्कार के एक दिन बाद बताया जाता है कि ब्रिटेन के शाही महल बकिंघम पैलेस में उथल-पुथल मची हुई है। वहीं प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस मामले में टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। राजकुमार हैरी और उनकी पत्नी मर्केल ने अमेरिकी टीवी कार्यक्रम प्रस्तोता ओपरा विनफ्रे को दिए साक्षात्कार में शाही परिवार में नस्लवाद के आरोप लगाए थे।
ब्रिटेन के कुछ मीडिया संस्थानों की रिपोर्ट के मुताबिक शाही महल में बयान तैयार कर लिया गया है लेकिन इस पर अभी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं। 39 वर्षीय पूर्व अभिनेत्री ने मर्केल ने यह भी कहा था कि उन्हें आत्महत्या करने जैसे ख्याल आने लगे थे।
मेगन ने यह भी बताया कि वे जब पहली बार गर्भवती हुईं तो कि इस बात को लेकर काफी चिंता व्यक्त की गई थी कि उनके बेटे आर्ची की त्वचा का रंग कैसा होगा? उनसे यह कहा गया कि आर्ची को राजकुमार का दर्जा नहीं दिया जाएगा और न सुरक्षा दी जाएगी। इस बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने देश तथा राष्ट्रमंडल के लिए जो भूमिका निभाई है, उसकी उन्होंने हमेशा तारीफ की है।
उन्होंने कहा कि शाही परिवार के मामलों में उन्होंने कभी कोई टिप्पणी नहीं की है और आज भी वे अपनी इस स्थिति से हटने वाले नहीं हैं। मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी के नेता सर कीर स्टार्मर ने कहा कि शाही परिवार को आरोपों को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि (शाही) परिवार को इस तरह उथल-पुथल में देखना वाकई दुखद है। मेगन ने नस्लवाद और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जो मुद्दे उठाए हैं, वे गंभीर हैं।
उन्होंने कहा कि यह हमें याद दिलाता है कि 21वीं सदी के ब्रिटेन में बहुत से लोग नस्लवाद का सामना कर रहे हैं। हमें इसे बहुत गंभीरता से लेना चाहिए। किसी के प्रति उसकी त्वचा के रंग और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं अपनाना चाहिए। मर्केल ने यह भी कहा कि 2018 में उनकी शादी से पहले उनके पिता थॉमस मर्केल के आचरण से उन्हें ऐसा लगा कि उनके साथ विश्वासघात हुआ है।
थॉमस मर्केल ने मंगलवार को आईटीवी से कहा कि वे इसे लेकर बहुत निराश हैं। वे इस चीज को लेकर माफी मांग चुके हैं। साक्षात्कार के बाद ब्रिटेन के लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है। ब्रिटेन में पूर्ण कार्यक्रम के प्रसारित होने से पहले यूगोव ने एक सर्वेक्षण कराया था जिसमें पूछा गया था कि लोग साक्षात्कार को उचित मानते हैं या अनुचित? करीब 47 फीसदी लोगों ने कहा कि वे इसे अनुचित मानते हैं जबकि 21 प्रतिशत लोगों ने इसे उचित माना और 31 प्रतिशत लोगों की कोई राय नहीं थी। (भाषा)