बेरूत। लेबनान की राजधानी बेरूत में मंगलवार को हुए एक भीषण विस्फोट में कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई। इस विस्फोट में शहर के बंदरगाह का एक बड़ा हिस्सा और कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। जर्मनी के जियोसाइंस केन्द्र ‘जीएफजेड’ के अनुसार विस्फोट से 3.5 की तीव्रता का भूकम्प भी आया। विस्फोट इतना भीषण था कि उसकी आवाज 250 किलोमीटर से अधिक दूरी तक सुनी गई।
लेबनान रेड क्रॉस के अधिकारी जॉर्ज केथानेह ने बताया कि इस विस्फोट में कम से कम 100 लोगों की जान चली गई और इस संख्या के अभी और बढ़ने की आशंका है।
बंदरगाह से अब भी धुआं निकल रहा है। क्षतिग्रस्त वाहनों तथा इमारतों का मलबा अब भी सड़कों पर फैला है। अस्पतालों के बाहर लोग अपने परिवार वालों के बारे में जानने के लिए जमा हो गए हैं। वहीं कई लोगों ने ऑनलाइन भी मदद की गुहार लगाई है।
इससे पहले, अधिकारियों ने मंगलवार को बताया था कि 70 से अधिक लोगों की जान गई है और 3,000 से अधिक लोग घायल हैं।
कोरोना वायरस और आर्थिक संकट से जूझ रहे देश में विस्फोट के बाद एक नया संकट आ खड़ा हुआ है। लेबनान के गृह मंत्री ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि बंदरगाह पर बड़ी मात्रा में रखे अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट से यह हादसा हुआ।
देश के गृह मंत्री मोहम्मद फहमी ने एक स्थानीय टीवी स्टेशन से कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि बंदरगाह के गोदाम में पड़े 2,700 टन अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट से यह हादसा हुआ।
लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दीब ने संकल्प किया कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को इसकी कीमत चुकानी होगी।
वहीं इज़राइल सरकार के एक अधिकारी ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि इज़राइल का विस्फोट के साथ कोई लेना-देना नहीं है।
इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह विस्फोट एक हमला हो सकता है। ट्रंप ने कहा, 'मैंने कुछ जनरलों से मुलाकात की और उनका मानना है कि यह किसी विनिर्माण गतिविधि के कारण हुआ विस्फोट नहीं था... उन्हें लगता है कि यह एक हमला था। यह कोई बम था।'
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने बेरूत के लोगों के प्रति 'गहरी संवेदना' व्यक्त की और कहा कि अमेरिका स्थिति पर करीबी नजर बनाए है।