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तेल की कीमतों के मामले में इराक और सऊदी ने लिया बड़ा फैसला

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, रविवार, 11 नवंबर 2018 (09:26 IST)
बगदाद। इराक और सऊदी अरब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों को स्थिर करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। ये दोनों देश अब एकजुट होकर काम करने पर सहमत हो गए हैं। इराक के तेल मंत्रालय के प्रवक्ता आसिम जिहाद ने इस बात की जानकारी दी। 
 
 
आसिम जिहाद ने फिलहाल विस्तार से जानकारी देने से इनकार कर दिया। बगदाद में शनिवार को हुई बैठक में दोनों देशों के तेल मंत्रियों के बीच इस बात को लेकर सहमति बनी। दोनों के बीच इराक की ऊर्जा जरुरतों को पूरा करने के लिए बिजली ग्रिड कनेक्शन को लेकर भी चर्चा हुई।
 
सऊदी अरब के तेल मंत्री खालिद अल-फलीह ने इराकी प्रधानमंत्री आदिल अब्दुल-मेहदी से भी मुलाकात की। 
तेल निर्यातक देशों के समूह (औपेक) में इराक सऊदी अरब के बाद सबसे अधिक कच्चे तेल का उत्पादन करता है। इराक प्रतिदिन 46 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करता है। 
 
इसी बीच, अमेरिका ने इराक को 45 दिनों के लिए ईरान से प्राकृतिक गैस और तेल आयात करने की छूट दे दी है। इराक में अमेरिकी दूतावास ने इस बात की जानकारी दी।
 
अमेरिका के ईरान परमाणु समझौते से अलग होने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी तल्ख हुए हैं जिसके बाद से ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में अस्थिरता आई है। मई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका के इस अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते से अलग होने की घोषणा की थी। 
 
इसके बाद अमेरिका ने ईरान पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिका ने ईरान पर पांच नवंबर से नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। अंतरराष्ट्रीय निगरानी समूहों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ईरान की तेल आधारित अर्थव्यवस्था को चरमराना चाहते हैं ताकि उसे उसकी परमाणु महत्वाकांक्षाओं और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को बंद करने के लिए बाध्य कर सके। अमेरिका ईरान पर सीरिया, यमन और लेबनान जैसे देशों में आतंकवादियों को समर्थन देने का आरोप भी लगाता रहा है।
 
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जताई थी। 

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